मीटर कैसे नापता है बिजली की खपत, काम करने का तरीका जान रह जाएंगे हैरान 

घरों में बिजली का कनेक्शन मिलने के बाद इलेक्ट्रिक मीटर लगाया जाता है। बिजली मीटर का मुख्य उद्देश्य है, बिजली की खपत को मापना है और इलेक्ट्रिक मीटर लगने के बाद बिजली बिल की वसूली आसानी से की जा सकती है। इलेक्ट्रिक मीटर में बिजली की खपत रिकॉर्ड की जाती है....
 

Electric Meter : आजकल अधिकतर घरों में बिजली का कनेक्शन दिया जा चुका है। वहीं बिजली की खपत को रिकॉर्ड करने के लिए घरों में इलेक्ट्रिक मीटर लगाए जाते हैं। जिससे रीडिंग के मुताबिक पता चलता है, कि कितनी बिजली खपत हुई है। आज हम आपको बताने वाले हैं कि इलेक्ट्रिक मीटर किस तरह बिजली की खपत को रिकॉर्ड करते हैं। चलिए जानते हैं आखिर किस तरह बिजली मीटर काम करता है। 

घरों में बिजली का कनेक्शन मिलने के बाद इलेक्ट्रिक मीटर लगाया जाता है। बिजली मीटर का मुख्य उद्देश्य है, बिजली की खपत को मापना है और इलेक्ट्रिक मीटर लगने के बाद बिजली बिल की वसूली आसानी से की जा सकती है। इलेक्ट्रिक मीटर में बिजली की खपत रिकॉर्ड की जाती है और उसके हिसाब से ही बिजली का बिल तैयार किया जाता है। 

लेकिन अक्सर हमारे दिमाग में आज आशंका बनी रहती है कि बिजली मीटर काम किस तरह करता है। इससे कैसे बिजली को नापा जा सकता है। आखिर बिजली की तारों में दौड़ने वाले करंट को किस तरह कैलकुलेट किया जा सकता है। 

घरों में लगने वाले अधिकतर मी इलेक्ट्रोमेकेनिक होते हैं। इस तरह के मीटर में एक मेटल के डिस्क लगाई जाती है जो इलेक्ट्रिक तारों में आने वाले करंट की स्पीड से घूमती है। जिससे बिजली की खपत को कैलकुलेट किया जा सकता है। 

वोल्टेज कॉइल और करेंट कॉइल 

वोल्टेज कॉइल में तेजी से करंट पास होता है वही अगर करेंट कॉइल की बात की जाए तो इसमें से धीमे धीमे करंट पास होता है। इन दोनों से गुजरता है, जिससे करंट की स्पीड से मेटल की डिस्क को घुमाया जाता है। इसके बाद एक यूनिट बिजली रिकॉर्ड की जाती है।