रक्षाबंधन पर रहेगा भद्रा का साया, जाने किस समय भाई की कलाई पर बांधे राखी
 

Bhadra Kaal on Raksha Bandhan 2024 : भाई बहन के प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन का त्यौहार पर इस साल बदर का प्रभाव रहने वाला है. भद्रा काल में कोई भी शुभ काम करना वर्जित माना जाता है. भद्रा काल में राखी बांधना भी अशुभ माना जाता है. चलो जाने कब बंधेगी राखी...

 

Raksha Bandhan 2024 : सावन शुक्ल पूर्णिमा में 19 अगस्त को श्रावण और धनिष्ठा नक्षत्र के संयोग और सौभाग्य व शोभन योग के संयोग में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा। भाई-बहन के प्यार का पवित्र त्योहार रक्षाबंधन इस साल भद्रा के प्रभाव में रहेगा। 

दोपहर बाद ही भाई की कलाई पर राखी बांधेंगी

इस कारण बनारसी पंचांग के अनुसार दोपहर 1:25 बजे और मिथिला पंचांग के अनुसार दोपहर 1:32 बजे के बाद ही बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांध सकेंगी। शास्त्रों में भद्रा रहित काल में ही राखी बांधने की परंपरा है। इस काल में राखी बांधने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। वहीं शुभ योग में रक्षाबंधन का त्योहार मनाने से धन और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

शुभ योग में त्योहार मनाने से समृद्धि बढ़ेगी

आचार्य राकेश झा ने बताया कि शास्त्रीय मान्यता के अनुसार सावन पूर्णिमा के दिन रेशमी या सूती कपड़े में अक्षत, पीली सरसों, नलकी और सोने का टुकड़ा या पीला सिक्का बांधकर कलाई पर बांधने तक कपड़े या मौली से चिपकाकर रखें। इसके बाद ओम नमो नारायणाय और ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करते हुए रोली, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप और प्रसाद के साथ राखी बांधने से सदैव शुभता बनी रहती है।

भद्रा काल में शुभ कार्य वर्जित 

भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है। इसके अलावा भद्रा में कोई भी अन्य शुभ या मांगलिक कार्य करना वर्जित है। इससे अशुभ फल की प्राप्ति होती है। भद्रा के उग्र स्वभाव के कारण ब्रह्माजी ने इन्हें पंचांग के महत्वपूर्ण अंग करण में स्थान दिया। पंचांग में इनका नाम विष्टि करण रखा गया है।  किसी विशेष दिन भद्रा करण लगने के कारण कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है।