किसानों की हुई मौज, मक्का की खेती पर मिल रही 50 प्रतिशत सब्सिडी 

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही एक योजना के तहत मक्का संकर मक्का और पॉपकॉर्न मक्का की खेती करने वाले किसानों को ₹6000 प्रति हेक्टेयर के हिसाब से सब्सिडी दी जा रही है।
 

Sarkari Yojana News : बारिश की कमी के चलते देश के कई हिस्सों में सूखे के हालात बन गए हैं। वहीं कई राज्यों में बड़ी-भारी बारिश होने की वजह से बाढ़ के हालात बने हुए हैं। इसी बीच उत्तर प्रदेश सरकार किसानों के लिए खुशखबरी लेकर आई है।

सूखे से प्रभावित किसानों को धान की खेती की जगह मक्का, बाजार, ज्वार, दलहन और तिलहन जैसी फसलों के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इन फसलों के लिए किसानों को सब्सिडी पर बीज उपलब्ध करवाएं जा रहे हैं। 

मक्का बीज पर subsidy  

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही एक योजना के तहत मक्का संकर मक्का और पॉपकॉर्न मक्का की खेती करने वाले किसानों को ₹6000 प्रति हेक्टेयर के हिसाब से सब्सिडी दी जा रही है। वहीं अगर कोई किसान बेबी कॉर्न मक्का की खेती करता है तो ₹40000 प्रति हेक्टेयर सब्सिडी दी जा रही है।

वहीं अगर किसान स्वीट कॉर्न मक्का की खेती करता है तो ₹50000 प्रति हेक्टेयर सब्सिडी दी जा रही है। जानकारी अनुसार बता दें कि उत्तर प्रदेश के हर ब्लॉक में निजी कंपनियों के मक्का, बाजरा और संकर बीजों के स्टॉल लगाई जा रही है। इसके साथ-साथ बीजों के खरीद पर किसानों को 50% सब्सिडी दी जा रही है। 

75 जिलों को मिलेगा सब्सिडी का लाभ 

मौसम विभाग के अनुसार जिन जिलों में कम बारिश की उम्मीद लगाई जा रही है। इन दिनों में धान की बुवाई के लिए किसान बारिश का इंतजार कर रहे है। किसानों को अन्य फसलों की बुवाई करने की सलाह दी जा रही है। जिन फसलों को कम पानी में तैयार किया जा सके।

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि विकल्प के तौर पर मक्का, ज्वार, बाजार, दलहन और तिलहन की फसलों की खेती की जा सकती है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत 73 जिलों में संकर मक्का के सामान्य बीजों पर 50% सब्सिडी दी जा रही है। 

फिंगर बाजरा मिल रहा फ्री 

राज्य सरकार की योजना के तहत जिलों के सभी ब्लॉकों में फिंगर बाजरा की खेती के लिए किसानों को मुफ्त बीज दिया जा रहा है। सामान्य वितरण बीज कार्यक्रम के तहत दलहन और तिलहन के विभिन्न उपलब्ध करवाएं जा रहे हैं। प्रदेश में किसान सब्सिडी लागू होने के बाद कीमत के अनुसार 50% का भुगतान पोश मशीन के माध्यम से बीज प्राप्त करने वाले किसानों को किया जाएगा।