म्यूचुअल फंड उद्योग में एक साल में 36% की वृद्धि हुई, बचत में 11% की कमी आई, लेकिन SIP में 16% की वृद्धि हुई

Mutual Fund Industry :देश में पारिवारिक और वित्तीय बचत कम हो रही है, लेकिन SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश तेजी से बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में घरेलू बचत घटकर 18.4% रहने की उम्मीद है, जो 2013-22 के बीच औसतन 20% थी।
 

Mutual Fund Industry : देश में पारिवारिक और वित्तीय बचत कम हो रही है, लेकिन SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश तेजी से बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में घरेलू बचत घटकर 18.4% रहने की उम्मीद है, जो 2013-22 के बीच औसतन 20% थी। यानी 10 साल में करीब 1.5% की गिरावट आई। जून 2024 तक RBI को वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में ये आंकड़े सामने आए हैं।

इसी तरह, शुद्ध वित्तीय बचत का हिस्सा घटकर 28.5% रह गया है, जो 2013-22 के बीच 39.8% था। यानी करीब 11% की कमी आई। वहीं, एक साल में SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की संख्या में करीब 16% की बढ़ोतरी हुई। 2023-24 में कुल म्यूचुअल फंड में SIP निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़कर 19.6% हो गई, जो 2022-23 में सिर्फ 3.06% थी।

इतना ही नहीं, वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में एक साल के अंदर 35.5% की ग्रोथ दर्ज की गई। इसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी इक्विटी आधारित स्कीमों की रही। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 28 म्यूचुअल फंड स्कीम जोखिम में हैं और इसमें 1.76 लाख करोड़ रुपए का निवेश है।

बैंकों के फंसे कर्ज 12 साल में सबसे कम

देश के बैंकों में सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां यानी फंसे कर्ज घटकर 2.8% रह गए हैं, जो 12 साल में सबसे कम है। 2023-24 में जीडीपी 8.2% की रफ्तार से बढ़ी है, जो पिछले वित्त वर्ष में 7% थी। दुनिया भर में बढ़ते कर्ज और युद्ध की स्थितियों के बावजूद हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत है। क्रेडिट कार्ड की वृद्धि दर 30% और पर्सनल लोन की 23.6% है। यह सबसे ज्यादा है। होम लोन (14.7%) और ऑटो लोन (23.1%) की वृद्धि कम है। जोखिम वाले म्यूचुअल फंड करीब 17% ऊपर हैं।

बैंकों में जमा 57% का कोई बीमा नहीं

देश के 289.8 करोड़ बैंक खातों में कुल 218.23 लाख करोड़ रुपये जमा हैं।  इनमें से केवल 43.1% यानी 94.05 लाख करोड़ रुपए ही बीमाकृत हैं। शेयर बाजार में अस्थिरता बढ़ी है। यह 6% से बढ़कर 6.5% हो गई है। बैंकों में साइबर अटैक का जोखिम 6.2% से बढ़कर 6.5% हो गया है। बैंकों का परिचालन जोखिम 5.3% से बढ़कर 5.6% हो गया है। बैंकों की लाभप्रदता 5% से घटकर 4.7% हो गई है।