Tax Refund: टैक्स भरने वालों की हो गई बल्ले-बल्ले, वित्त मंत्री का बड़ा ऐलान सुनकर ख़ुश होंगे

टैक्स भरने वालों के लिए अच्छी खुशखबरी है, आपको बता दें कि कुछ ही समय पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बड़ा ऐलान किया था. बताया गया की टैक्स प्रोसेसिंग का समय घट गया है.
 

Nirmala Sitharaman on Tax Refund: देश में 31 जुलाई अंतिम तारीख तक 7.28 करोड लोगों ने आईटीआर फाइल किया है. जिनको इंडिविजुअल्स और बिजनेस के अकाउंट की ऑडिटिंग करवानी हो वह अपना बिजनेस करने वाले लोग 31 अक्टूबर तक रिटर्न फाइल कर सकते हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कुछ समय पहले ही संसद में बताया था कि आयकर रिटर्न के प्रोसेसिंग टाइम में अब कम समय लगने लगा है. साल 2013 में रिटर्न प्रोसेस करने में आमतौर पर 93 दिन का समय लग जाता था. वह काम अब 10 दिन में हो रहा है. आयकर रिटर्न के मामलों में किए गए कई बड़े बदलाव के चलते व्यवस्थाओं में सुधार हो रहा है.

एवरेज प्रोसेसिंग का टाइम घटा 

वित्त मंत्री की तरफ से कहे गए बयान का सीधा असर यह निकाला जाना चाहिए कि टैक्स पेयर अब जल्दी से टैक्स रिफंड की उम्मीद कर सकतें हैं. परंतु आपको इस बारे में जानकारी बता दें कि सभी आईटीआर 10 दिन के प्रोसेस में नहीं हो रहे क्योंकि वित्त मंत्री ने एवरेज प्रोसेसिंग का टाइम घटकर 10 दिन रहने की बात कही है. जिसका यह मतलब नहीं बनता कि सभी तरह के ITR 10 दिन में प्रोसेस हो पाएंगे. ITR की जितनी फॉर्म कॉम्प्लिकेशन अधिक होगी उसकी प्रक्रिया करने के लिए ज्यादा समय लगेगा. जिसका यह मतलब निकाला जा सकता है कि आईटीआर 24 घंटे में प्रक्रिया हो सकते हैं जबकि कुछ फार्म को अधिक टाइम भी लग सकता है.

सिस्टम में कई तरह के सुधार

ITR-3, ITR-3 से से ज्यादा जटिल होने के कारण प्रोसेसिंग में समय लगता है. वही ITR-2, ITR 1 से ज्यादा जटिल है. ऐसे में इनमें और ज्यादा समय लगता है. हालांकि आयकर विभाग के द्वारा टैक्स रिफंड को जल्दी देने के लिए 2013 से इनकम टैक्स रिटर्न को प्रोसेस करने वाले सॉफ्टवेयर और अन्य सिस्टम में कई तरह के सुधार किए गए हैं. इन सुधारो के चलते टैक्स रिफंड जल्दी मिलने में काफी मदद मिल रही है. आइये आपको बताएंगे आयकर विभाग द्वारा किस तरीके के बदलाव किए गए हैं-

हुए ये बदलाव

स्मार्ट वर्क: टैक्स भरने के लिए पूरा काम कंप्यूटर से किया जाता है. पुराने तौर तरीके इसमें हाथ से फॉर्म भरना पड़ता था वह चीजें अब बंद हो गई है. कंप्यूटर के जरिए सारा काम होने से गलतियां भी नहीं होती. और संबंधित विभाग की तरफ से टैक्स रिटर्न की जांच भी जल्दी हो जाती है.

वेरीफिकेशन: इनकम रिटर्न से जुड़े हुए कागजात डाक से भेजने की आवश्यकता नहीं है अब आधार कार्ड के ई-वेरीफिकेशन से ऑनलाइन ही वेरीफाई किया जा सकता है. प्रक्रिया काफी सरल है और समय बर्बाद भी नहीं होता.

नया पोर्टल: समय के साथ-साथ सुविधाओं में डिजिटल सिस्टम का इस्तेमाल बढ़ गया है. साल 2021 में शुरू हुआ टैक्स की फाइलिंग पोर्टल इस्तेमाल करना आसान है. इस पर टैक्स भरना रिक्वेस्ट और शिकायत इत्यादि संबंधित काम जल्दी निपटा जाते हैं.