Pulses prices: दालों के रेट में कमी आना शुरू, 30 दिनों में इतने कम हुए भाव

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से जानकारी दी गई है कि बीते 30 दिनों के दौरान अलग-अलग मंडियो में दालों की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अरहर, उड़द ,चना, तुवर जैसी दालों की कीमतों में अब मामूली नरमी दिख रही है.
 

Food Inflation: पिछले कुछ समय से दालों की कीमतें भारतीय रसोई का बजट बढ़ा रही है. 1 साल महंगाई रहने के बाद अब कीमतों में नरमी आना शुरू हो गई है. आगामी कुछ महीनो में कीमतों में और गिरावट आने की उम्मीद है. लंबे समय से लोग खाने-पीने की चीजों और दालों की कीमतों में आए उछाल के चलते परेशान दिख रहें हैं.

इतनी कम हुई कीमतें 

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से जानकारी दी गई है कि बीते 30 दिनों के दौरान अलग-अलग मंडियो में दालों की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अरहर, उड़द ,चना, तुवर जैसी दालों की कीमतों में अब मामूली नरमी दिख रही है. महंगाई से परेशान लोगों के लिए यह अच्छी खबर है. पिछले 1 साल से दालों की कीमतें आसमान छू रही थी. जनवरी महीने के दौरान दालों की खुदरा महंगाई दर 19.56 फ़ीसदी पर बनी हुई थी जो अब जून में गिरकर 16.07 फीसदी आ चुकी है.

कितनी आई गिरावट 

उपभोक्ता मंत्रालय से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, अरहर दाल की खुदरा का भाव कम होकर शनिवार को 160 रुपए प्रति किलोग्राम तक आ गई है. जो पिछले 30 दिनों की तुलना में 5.8 फ़ीसदी कम है. इसके अलावा मसूर दाल भी एक महीने में 10 फीसदी तक सस्ती होकर शनिवार को 90 रुपए किलो तक पर आ गई है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, उड़द अरहर और चना दालों की कीमतें 1 महीने के दौरान 4 फ़ीसदी तक घट गई है.

क्यों आ रही है ये कमी 

दालों की कीमतों में कमी आने का कारण है सरकारी प्रयासों को माना जा रहा है. सरकार द्वारा दालों की कीमतों को नियंत्रण में लाने के लिए मसूर, उड़द और अरहर दाल पर ड्यूटी फ्री इंपोर्ट को 31 मार्च 2025 तक बढ़ाया गया था. जिसकी वजह से दालों का आयात बढ़ गया है. पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारत ने 4.73 मिलियन टन दालों का आयात किया था. जो वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में 90 फ़ीसदी अधिक है.