मॉनसून में देरी से आम आदमी पर पड़ेगी महंगाई की मार

 

Saral Kisan: मानसून की दस्तक के बावजूद, कई राज्यों में बारिश की कमी देखी जा रही है और इसके साथ ही मानसून भी धीरे-धीरे अन्य राज्यों में बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब आदि राज्यों में लोग बारिश की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जबकि बिहार और झारखंड में मानसून के बावजूद गर्मी बढ़ रही है और कृषि उपजों को सूखा भी आ रहा है। इससे किसानों के लिए अलनीनो का खतरा बढ़ गया है और अगर मौसम ऐसा ही रहा तो महंगाई पर इसका प्रभाव पड़ सकता है, जिससे खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ सकती हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अलनीनो के कारण खुदरा महंगाई 0.5 से 0.6 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। इससे दाल, चावल, आटा, गेहूँ और मक्का जैसे खाद्य पदार्थों की कीमतें भी बढ़ सकती हैं। हरी सब्जियों पर भी अलनीनो का प्रभाव पड़ सकता है और इससे टमाटर, लौकी, खीरा, शिमला मिर्च और अन्य हरी सब्जियों की कीमतें भी बढ़ सकती हैं।

मानसून के आगमन के बावजूद अभी तक कई राज्यों में असामान्य बारिश हुई है। बारिश की कमी से खरीफ फसलों की बुवाई प्रभावित हो सकती है और इससे महंगाई बढ़ सकती है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में महंगाई की आंकड़ा 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि रिजर्व बैंक के अनुसार चालू वित्त वर्ष में महंगाई 5 प्रतिशत या उससे कम भी हो सकती है।

इसके अलावा, चीनी उत्पादन में भी गिरावट आई है और चावल की स्थिति भी अच्छी नहीं है। चीनी का उत्पादन पिछले साल की तुलना में कम हो गया है और चावल के उत्पादन में भी अस्थिरता आ सकती है। बारिश की कमी के कारण किसान धान की बुवाई कम कर सकते हैं और इससे चावल महंगे हो सकते हैं, जिसका प्रभाव थोक और खुदरा बाजार में देखने को मिल सकता है।

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