Home Loan : पत्नी के नाम से करवाएं होम लोन, मोटी बचत के साथ होंगे शानदार फायदे

Home Loan Interest Rates For Women : इसका परिणाम ये निकला कि महिला प्रॉपर्टी मालिकों की संख्या मे पिछले कुछ सालों में बढ़ोतरी हुई है। हाल के सर्वे रिपोर्ट में रियल एस्टेट ट्रेंड में इस बदलते माहौल को हाइलाइट किया गया है। इसमें यह नोट किया गया है की पुरूषों की तुलना में महिलाओं के पास अधिक घर और जमीन हैं। ये सारी बदलती इकोनॉमी और उसके नियमों के कारण है।
 

Home Loan Interest Rates : हर व्यक्ति एक सुंदर घर चाहता है। बैंको से लोन जैसी सुविधा का सहारा लेकर लोग अपने सपनों को साकार करते हैं। घर बनाने के लिए होम लोन सबसे अच्छा विकल्प नहीं है। ये खबर आपके लिए बहुत अच्छी है अगर आप भी घर खरीदने या बनाने के लिए होम लोन लेने की सोच रहे हैं। हम इस लेख में आपको बताने वाले हैं कि होम लोन पर कुछ पैसे कैसे बचाएं। हम ऐसा कह रहे हैं क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था में कई परिवर्तन हुए हैं, जिसमें महिलाओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है जो अब देश के वर्कफोर्स में काम करती हैं, और इसके परिणामस्वरूप उनके फाइनेंस में भी बदलाव हुआ है।

इसका परिणाम ये निकला कि महिला प्रॉपर्टी मालिकों की संख्या मे पिछले कुछ सालों में बढ़ोतरी हुई है। हाल के सर्वे रिपोर्ट में रियल एस्टेट ट्रेंड में इस बदलते माहौल को हाइलाइट किया गया है। इसमें यह नोट किया गया है की पुरूषों की तुलना में महिलाओं के पास अधिक घर और जमीन हैं। ये सारी बदलती इकोनॉमी और उसके नियमों के कारण है।

महिलाओं को मिलते है, ज्यादा अधिकार

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इन बदलावों से अब महिला उधारकर्ता प्राइमरी या को-एप्लिकेंट होम लोन के संबंध में कई लाभ प्राप्त कर सकती हैं। इन इन्सेंटिव्स से उधारकर्ता लोन पर बचत प्राप्त कर सकते हैं और लोन से जुड़े खर्चों पर भी। महिला होम लोन उधारकर्ताओं (Women Home Loan Borrowers) के पास कुछ महत्वपूर्ण लाभ हैं।

चेक करें, ब्याज की दरें

सरकार ने महिलाओं को समाज में सक्षम करने और उनके नाम पर जमीन जायदाद बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। भारतीय बैंकों और एनबीएफसी (Banks and NBFCs in India) न केवल महिला उधारकर्ताओं को लोन देते हैं, बल्कि ऐसे लोन भी देते हैं जिनमें महिला को-एप्लिकेंट और संपत्ति की को-ऑनर हैं, सस्ती ब्याज दरों पर।

आपको जानकर हैरानी होगी कि होम लोन पर ब्याज दरें महिला उधारकर्ताओं की तुलना में 0.05 से 0.1 प्रतिशत तक कम होती हैं। बता दें कि ये सस्ती दरें प्रत्येक उधारदाता के लिए अलग-अलग हो सकती हैं और अक्सर एप्लिकेंट के क्रेडिट स्कोर पर निर्भर करती हैं। कम दर का नतीजा कम ईएमआई (home loan emi for women) और कम ब्याज का आउटगो देता है, जो बचत को बढ़ाता है।

महिलाओं द्वारा लिए जाने वाले होम लोन पर कम ब्याज (home loan interest rates) लेने वाले कुछ बड़े बैंकों का ब्यौरा दिया गया है।

बैंक रेग्यूलर ब्याज दर महिला एप्लिकेंट्स
यूनियन बैंक 9.20-9.55 9.15-9.50
बैंक ऑफ इंडिया 10.60-10.75 10.55-10.70
सेंट्रल बैंक 8.50-9.50 8.35-9.25
केनरा बैंक 8.60-11.25 8.55-11.20

महिलाओं को मिलता है, टैक्स बेनेफिट

कर में लाभ, ब्याज दरों के बाद दूसरा महत्वपूर्ण लाभ है। आपको बता दें कि होम लोन के लिए प्राइमरी या को-एप्लिकेंट्स के रूप में आवेदन करने वाली महिलाओं को आयकर अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत टैक्स बेनेफिट मिल सकते हैं। आयकर की धारा 80 सी के तहत उधारकर्ता 1.5 लाख रूपये तक की टैक्स छूट पा सकते हैं। सेक्शन 24 B में पूरी तरह से निर्मित घर के लिए गए होम लोन से जुड़े ब्याज पर अधिकतम 2 लाख रूपये की टैक्स डिडक्शन की अनुमति दी गई है।

बहुत कम स्टाम्प ड्यूटी की लगती है, कीमत

आपको पता है कि जमीन खरीदने पर लगने वाली स्टाम्प ड्यूटी पर काफी खर्च होता है। यही कारण है कि अगर आप महिला के नाम पर संपत्ति खरीदते हैं या लोन लेते हैं, तो आप काफी बचत कर सकते हैं। यह आम तौर पर प्रतिशत के रूप में कैलकुलेट किया जाता है, जो संपत्ति की कीमत का 3 से 9 प्रतिशत या अधिक होता है। लेकिन, स्टाम्प ड्यूटी हर राज्य में अलग होती है, और कुछ राज्य घर खरीदने वाली महिलाओं को स्टाम्प ड्यूटी से छूट देते हैं।

अगर आप इस गणित को समझ नहीं पाते हैं, तो हम एक उदाहरण देंगे। उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र में पुरुषों की स्टाम्प ड्यूटी 6% और महिलाओं की 5% है। पंजाब में घर खरीदने वाली महिलाओं पर 5% की स्टाम्प ड्यूटी लगती है, जो पुरुषों पर 7% है। हरियाणा, राजस्थान, ओडिशा तथा उत्तराखंड में भी महिलाओं से कम स्टाम्प ड्यूटी है।

ब्याज दर सब्सिडी

सरकार महिलाओं को सशक्त करने के लिए लगातार प्रयास करती रहती है। ऐसे में, सरकार महिलाओं को अधिक से अधिक घर मालिक बनने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए ब्याज सब्सिडी सहित कई योजनाओं की घोषणा करती रहती है। उनमें से एक प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) (PMAYU) है, जिसमें महिलाओं को घर का मालिक या को-ऑनर होना चाहिए, और 2.67 लाख रूपये की अधिकतम ब्याज सब्सिडी मिलती है। इसके अलावा, सिंगल या विडो महिला उधारकर्ता जो आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग या निम्न आय समूह (LIG) से जुड़ी हैं, वे 6 लाख रूपये तक के लोन पर 6.5% सब्सिडी पात्र हैं।