योगी सरकार 69000 सहायक शिक्षक भर्ती पर ले सकती है बड़ा फैसला, आज होगी खास बैठक

UP Teacher :उत्तर प्रदेश में सहायक शिक्षक भर्ती में योगी सरकार जल्द ही बड़ा अपडेट देने का प्लान बना रही है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद रद्द की गई भर्ती पर उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग ने जान शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री सहित शिक्षा विभाग के मंत्री और अधिकारी जल्द ही बैठक कर खुशखबरी देंगे।

 

UP Shikshak Bharti : बीते कुछ महीने पहले उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती निकल गई थी। जिसमें किसी करण वंश मेरिट लिस्ट को रद्द करना पड़ा। यूपी में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद सरकार ने दोबारा से भर्ती प्रक्रिया पर मंथन किया है। 18 अगस्त रविवार को कोर्ट का फैसला आने के बाद उप शिक्षा विभाग की बड़ी बैठक होने वाली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में भर्ती प्रक्रिया को लेकर मंथन किया जाएगा। इस बैठक में शिक्षा मंत्री सहित कई विभागीय अधिकारी मौजूद होंगे।

मिली जानकारी के अनुसार बैठक में यह तय किया जाएगा की सरकार हाई कोर्ट के फैसले को लागू करेगी या सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी। क्योंकि इलाहाबाद हाई कोर्ट के लखनऊ बेंच ने  उत्तर प्रदेश की 69 हजार सहायक टीचर भर्ती की मेरिट लिस्ट रद्द करती है। और 90 दिन के अंदर भर्ती परीक्षा का परिणाम नए सिरे से जारी करने का आदेश भी दिया है।

सरकार के साथ-साथ शिक्षकों को भी तगड़ी फटकार

हाईकोर्ट की डबल बेंच ने जून 2020 में जारी चयन सूची और 6800 अभ्यर्थियों की पांच जनवरी 2022 की चयन सूची को दरकिनार कर नए सिरे से सूची बनाने के आदेश दिया है। इस आदेश से यूपी सरकार को तो झटका लगा ही है, साथ ही नई चयन सूची तैयार होने से पिछले 4 सालों से नौकरी कर रहे हजारों शिक्षकों के सामने भी असमंजस की स्थ‍िति है। हालांकि कोर्ट ने आदेश में कहा कि फिलहाल कार्यरत किसी सहायक शिक्षक पर विपरीत असर पड़ता है तो मौजूदा सत्र का लाभ दिया जाए ताकि छात्रों की पढ़ाई पर खराब असर न पड़े। 

हाईकोर्ट ने क्या कहा?

69 हजार शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण अनियमितता का मामला लंबे समय से हाईकोर्ट में लंबित था। शिक्षक भर्ती में 19 हजार सीटों के आरक्षण को लेकर अनियमितता के आरोप लगे थे। इसमें विसंगतियों का आरोप लगाते हुए कई लोग कोर्ट गए थे। हाईकोर्ट ने 69000 सहायक शिक्षकों की मौजूदा सूची को गलत मानते हुए मेरिट सूची को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को 3 महीने के अंदर नई मेरिट लिस्ट तैयार करने का आदेश दिया है। इसमें आरक्षण के नियमों और बेसिक शिक्षा नियमावली के तहत करने के आदेश दिए गए हैं।  

अभ्यर्थियों ने क्या दावा किया

आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों ने दावा किया कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में ओबीसी वर्ग को 27% की जगह मात्र 3.86% आरक्षण मिला यानी ओबीसी वर्ग को 18598 सीट में से मात्र 2637 सीट मिलीं। एससी वर्ग को भी 21% की जगह मात्र 16.6% आरक्षण मिला। 

अभ्यर्थियों का आरोप है कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में से अभ्यर्थियों ने दावा किया कि 69 हजार शिक्षकों की भर्ती में करीब 19 हजार सीटों का घोटाला हुआ। इसको लेकर वह हाईकोर्ट भी गए और राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग में भी शिकायत की। 

उन्होंने बताया कि इस नियमावली में साफ है कि कोई ओबीसी वर्ग का अभ्यर्थी अगर अनारक्षित श्रेणी के कटऑफ से अधिक नंबर पाता है तो उसे ओबीसी कोटे से नहीं बल्कि अनारक्षित श्रेणी में नौकरी मिलेगी। यानी वह आरक्षण के दायरे में नहीं गिना जाए। जबकि उस वक्त सरकार का कहना था कि करीब 31 हजार ओबीसी वर्ग के लोगों की नियुक्ति की गई।  

आपको बता दें कि 69 हजार सहायक श‍िक्षक पदों के लिए न‍िकली इस भर्ती की परीक्षा 6 जनवरी 2019 को हुई। इस भर्ती के लिए अनारक्षित की कटऑफ 67.11 फीसदी और ओबीसी की कटऑफ 66.73 फीसदी थी। इस भर्ती के तहत करीब 68 हजार लोगों को नौकरी मिली है।