उत्तर प्रदेश के इस 65 किलोमीटर के रिंग रोड का काम शुरू, 45 गांवों के 4000 किसानों की भूमि का होगा अधिग्रहण

UP News - हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि यूपी के इस शहर में 65 किलोमीटर के रिंग रोड का काम शुरू हो गया है। फिलहाल, दो हिस्से के काम के लिए दिल्ली की ज्वाइंट स्टॉक लिमिटेड और पश्चिम बंगाल की जीपीटी इंफ्रा को काम आवंटित कर दिया गया है.

 

UP : महाकुंभ-2025 की महत्वाकांक्षी इनर रिंग रोड परियोजना के लिए दो एजेंसियों का चयन कर लिया गया है। प्रथम चरण में 30 किमी लंबी इनर रिंग रोड का तीन हिस्सों में निर्माण कराया जाएगा। फिलहाल, दो हिस्से के काम के लिए दिल्ली की ज्वाइंट स्टॉक लिमिटेड और पश्चिम बंगाल की जीपीटी इंफ्रा को काम आवंटित कर दिया गया है। इस परियोजना के लिए कराए गए टेंडर में 29 कंपनियों ने हिस्सा लिया था। अब जल्द ही निर्माण आरंभ होने की उम्मीद है।

65 किमी लंबी इनररिंग रोड के पहले चरण में नैनी में लवायन कला गांव के पास से इस परियोजना की शुरुआत होगी। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की ओर से इस परियोजना के प्रथम चरण को तीन भागों में बांटा गया है। सहसों से ओल्डजीटी यानी पुरानी ग्रैंड ट्रंक रोड तक 15 किमी और इसके बाद वाले हिस्से मेंं 7.50 किमी लंबी इनर रिंग रोड के लिए टेंडर खोला गया है।

इसके तीसरे पैकेज में भी 7.50 किमी इनर रिंग रोड का निर्माण होना है। इसका भी टेंडर जल्द कराया जाएगा। प्रथम चरण के इन तीनों हिस्सों के निर्माण की लागत 3033 करोड़ निर्धारित की गई है। इसमें नैनी और झूंसी के बीच गंगा पर 3200 मीटर लंबा सेतु भी शामिल है।

चार हजार किसानों को दिया गया मुआवजा

अगले माह इस परियोजना के निर्माण के लिए एजेंसी के यहां पहुंचने की उम्मीद है। शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग-दो पर प्रस्तावित इनर रिंग रोड परियोजना के प्रथम चरण के लिए जिले के 45 गांवों के चार हजार किसानों की 195 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत अधिग्रहीत की गई है। इनर रिंग रोड परियोजना में प्रभावित होने वाले किसानों के भूमि, भवनों, बगीचों, कुओं के स्वामित्व का मुआवजा जारी कर दिया गया है। रीवा रोड से जीटी रोड पर महुआरी, लवाइन कला होते हुए अंदावा के रास्ते इस रिंग रोड को आगे ले जाकर सहसों के पास एनएच-2 से मिला दिया जाएगा।

पहले चरण का तीन हिस्सों मेंं निर्माण कराया जाएगा। इसके दो भागों के लिए टेंडर खुलने के बाद एजेंसियों को नामित कर दिया गया है। दोनों एजेंसियां अलग-अलग निर्माण कराएंगी, ताकि समय से काम पूरा कराया जा सके।

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