होटलों में हमेशा क्यू बिछाई जाती हैं सफेद चादर, वजह कर देगी आपको हैरान

जब भी आप होटल में जाते हैं, आपने अक्सर देखा होगा कि बेड पर बिछी चादरें सिर्फ सफेद होती हैं। जब होटल वाले आपसे एक दिन का इतना ज्यादा किराया वसूलते हैं, तो हर कोई सोचता है कि क्या वे रंगीन चादरें बिछा नहीं सकते?
 

Saral Kisan : जब भी आप होटल में जाते हैं, आपने अक्सर देखा होगा कि बेड पर बिछी चादरें सिर्फ सफेद होती हैं। जब होटल वाले आपसे एक दिन का इतना ज्यादा किराया वसूलते हैं, तो हर कोई सोचता है कि क्या वे रंगीन चादरें बिछा नहीं सकते? आपको बता दें कि चादरों के रंगों के पीछे महंगा या सस्ता कोई कारण नहीं है; इसके पीछे खेल है। सफेद चादरों से जुड़े सभी प्रश्न आज इस लेख में हल होंगे।

क्यों सफेद चादर बिछाई जाती है?

उसकी सफाई होटलों की सफेद चादरों की पूरी कहानी है। दरअसल, होटल की चादरों को साफ करना बहुत कठिन काम है, इसलिए रंग बिरंगी चादरों को साफ करना और भी कठिन हो जाएगा। चादर सफेद होने से सफाई आसान होती है। होता है कि सफेद रंग की सभी चादरों को ब्लीच में डालकर धो दिया जाता है। वहीं, रंगीन कपड़े काम को और भी बढ़ा देंगे।

कब शुरू हुआ?

90 के दशक में होटलों के कमरों में सफेद चादरों का बिछाने का प्रचलन शुरू हुआ। उससे पहले आपने फिल्मों में होटलों को देखा होगा, तो उनके कमरों में हमेशा रंगीन चादरें बिछी रहती थीं। वास्तव में, होटल के इंटीरियर डिज़ाइनर्स ने सफेद चादरों का इस्तेमाल करना शुरू किया जब चादरों को मशीनों से धोने का प्रचलन शुरू हुआ और उन्होंने सोचा कि कमरों को अब रॉयल और रिच दिखना चाहिए।

इसका मनोवैज्ञानिक पक्ष जानें

सफेद चादरों का मनोवैज्ञानिक कारण भी है। दरअसल, रंगीन चादर देखकर आपको पता नहीं चलता कि वह साफ है या नहीं। ऐसे में होटलों में जाने वाले लोगों को रंगीन चादरों पर सोने से कतराना पड़ता है, और अगर मजबूरी में ऐसा करना पड़े तो वे सुकून नहीं पाते। लेकिन सफेद और चमकदार चादरें ग्राहकों को साफ करती हैं और उन्हें मानसिक शांति देती हैं।

ये पढ़ें : UP News: उत्तर में किसानों की 200 बीघा पट्टा भूमि पर किया गया कब्जा, गरीब भूमिहीन डीएम से की ये मांग