Whiskey : क्या वजह होती हैं Whiskey व Beer के कड़वेपन की, पीते जरूर हैं पर 99 फीसदी को नहीं पता
Whiskey : व्हिस्की कड़वी होने के कई कारण हो सकते हैं। उसकी तैयारी की प्रकृति इसकी प्रमुख वजह है। व्हिस्की बनाने के लिए जौ और बार्ली का अनाज पिसा जाता है और फिर बर्फ के साथ बड़े बर्तनों में डाला जाता है। बड़े बैरिक ड्रम्स में इसे कई सालों तक पकाया जाता है। यह एक विशिष्ट स्वाद पैदा करता है, जिसमें व्हिस्की की कड़वाहट महत्वपूर्ण है।
एलकोहॉल की मात्रा भी व्हिस्की की कड़वाहट का एक और कारण है। एलकोहॉल, व्हिस्की में सबसे अधिक एलकोहॉल होता है। उच्च अलकोहॉल व्हिस्की का स्वाद कड़वा बनाता है।
बीयर कड़वी क्यों होती है?
अब चलिए बात करते हैं बीयर की कड़वाहट के पीछे के कारणों की। बीयर भी अलकोहॉलिक ड्रिंक होती है, लेकिन इसकी कड़वाहट उसके तत्वों से आती है जो उसमें मौजूद होते हैं।
होप्स (हमूलस्पुस): बीयर में होप्स नामक पौधों के फूलों का उपयोग किया जाता है। होप्स में तीव्र और कड़वे स्वाद वाले तत्व होते हैं, जो बीयर को एक अद्वितीय कड़वाहट देते हैं।
मॉल्टेड बार्ली: बीयर के निर्माण में बार्ली का मॉल्टिंग प्रक्रिया सबसे महत्वपूर्ण होता है। इस प्रक्रिया के दौरान बार्ली के दानों को पानी में भिगोकर फिर उन्हें सुखाया जाता है। यह प्रक्रिया बीयर को एक विशेष प्रकार की कड़वाहट प्रदान करती है।
यीस्ट (खमीर): बीयर की बनावट में खमीर का महत्वपूर्ण योगदान होता है। खमीर के कारण शुगर को आल्कोहॉल में बदल दिया जाता है, जिससे बीयर का अलकोहॉलिक स्तर बढ़ जाता है और उसका स्वाद कड़वा होता है।
मिट्टी और जलवायु:
बीयर की कड़वाहट का एक और कारण बनावट की मिट्टी और उसकी बनावट की जगह पर होने वाले जलवायु के प्रभाव से भी जुड़ा होता है। यह बीयर के स्वाद में सुखद तथा कड़वा अंतर देता है।
व्हिस्की और बियर के स्वाद में अंतर का कारण
व्हिस्की और बीयर के स्वाद में अंतर होता है क्योंकि उनकी सामग्री और तैयारी में भिन्नता होता है। व्हिस्की में अलकोहॉल की अधिकतम मात्रा होती है, जबकि बीयर में अलकोहॉल की मात्रा कम होती है। इसके अलावा, व्हिस्की में बारली और कॉर्न का उपयोग होता है, जबकि बीयर में बार्ली, होप्स, और यीस्ट का मिश्रण होता है।
ये पढ़ें : Cash Limit At Home: घर में कितना रख सकते है इतना पैसा, जान लें इनकम टैक्स का यह नियम