EV वाहन और ईवी चार्जिंग स्टेशन को लेकर योगी सरकार का क्या है प्लान? मुख्य सचिव ने दी जानकारी

UP News : उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को सुव्यवस्थित डांसर व इंफ्रास्ट्रक्चर मिले इसके लिए योगी सरकार लगातार प्रयासरत है। आज के इस महंगाई के दौर में पेट्रोल और डीजल की गाड़ियों में सफर करना महंगा पड़ता है। सरकार अब लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर आकर्षित करने के लिए बड़े कदम उठा रही है। 

 

Uttar Pradesh News : योगी सरकार की इलेक्ट्रिक वाहनों और एव चार्जिंग को लेकर क्या तैयारी है। उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण का केंद्र बने यूपी सरकार इस बड़े स्तर पर काम कर रही है। अब लोगों का इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ रुझान भी ज्यादा बढ़ गया है। आने वाले समय में आपको पेट्रोल व डीजल की गाड़ियों की जगह इलेक्ट्रिक वाहन दौड़ते हुए नजर आएंगे। आने वाला जमाना इलेक्ट्रिक वाहनों का है। इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग की वृद्धि लगातार होने के कारण उत्तर प्रदेश में इनका केंद्र बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है।

दुर्गा शंकर मंगलवार को राजधानी लखनऊ के गोमती नगर स्थित एक होटल में एक दिवसीय कार्यशाला में बोल रहे थे, जिसका विषय "EV चार्जिंग वे अहेड" था। यूपी रिन्यूवेबल एंड ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने एक कार्यशाला की व्यवस्था की, जिसमें केंद्रीय और राज्य सरकारों के अधिकारियों के साथ-साथ उद्योग जगत और ऊर्जा क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। 

कारखाना

मिश्र ने बताया कि अशोक लेलैन्ड इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण करने के लिए लखनऊ में एक कारखाना लगा रही है, जहां दो वर्षों में उत्पादन शुरू होने की संभावना है। इसी तरह टाटा मोटर ने भी यहाँ अपना कारखाना बनाया है। सरकार की कोशिश है कि राज्य में आगामी वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और प्रोत्साहन के लक्ष्य को पूरा कर सके. इसके लिए, राज्य में सुव्यवस्थित ढांचा और इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश रिन्यूवेबल एंड ईवी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (यूपीरेव) को आने वाले वर्षों में बेहतर सेवाएं और बुनियादी संरचना प्रदान करने का लक्ष्य है। 

इको सिस्टम बनाएगा

उत्तर प्रदेश में जल्द ही एक चार्जिंग इको सिस्टम बनाएगा, जिससे पूरे प्रदेश में चार्जिंग नेटवर्क बनेगा। यह इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने कहा कि प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास हो रहा है, जो रोजगार सृजन और बड़े निवेश को आकर्षित करेगा।

चार्जिंग सेण्टर पर मनोरंजन, बैठने और आराम

मुख्य सचिव ने बताया कि वाहन में डीजल और पेट्रोल कुछ मिनट में भर जाते हैं, लेकिन इलेक्ट्रिक मोटर को चार्ज करने में समय लगता है। ऐसे में चार्जिंग सेण्टर पर मनोरंजन, बैठने और आराम करने के लिए एक कैफे होना चाहिए। प्रत्येक 25 किलोमीटर पर राजमार्गों पर भी ऐसी व्यवस्था बनानी होगी। प्रदेश में 2030 तक तीस प्रतिशत वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन बनाना है। यही कारण है कि 2022 में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक कानून बनाया जाएगा, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर सब्सिडी दी जाएगी। 

अधिक अवसर वाले प्रदेश के 10 बड़े शहर

इस मौके पर जी 20 के शेरपा अभिताभ कान्त ने कहा कि प्रदेश के 10 बड़े शहर, लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, आगरा, गाजियाबाद, नोएडा, प्रयागराज, अयोध्या, मेरठ तथा गोरखपुर में ई-वाहनों के लिए सबसे अधिक अवसर हैं। उनका लक्ष्य था कि 2030 तक इन शहरों में शत-प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रयोग किया जाए, साथ ही साफ-सफाई और स्वच्छता के मुद्दों पर अपना व्यापक प्रजेन्टेशन प्रस्तुत किया जाएगा। उनका कहना था कि धुए का प्रदूषण लोगों को बीमार कर रहा है। इससे आदमी की औसत आयु लगभग आठ साल कम होती है।