उत्तराखंड के राशन कार्ड धारकों की हुई मौज, अब मिलेगा एक और फायदा 
 

National Food Security Mission : देश में मुक्त राशन वितरण प्रधानमंत्री गरीब कल्याण परियोजना के तहत किया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह परियोजना लगातार अगले 5 सालों तक चालू रहेगी। उत्तराखंड मैं लाखों गरीब परिवारों को सरकार ने बड़ी राहत प्रदान की हैं। 

 

Uttarakhand News : उत्तराखंड के राशन कार्ड धारकों के लिए बड़ी राहत वाली खबर सामने आ रही है। उत्तराखंड में अब राशन कार्ड धारकों को राशन की दुकान से नमक भी दिया जाएगा. उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने नमक पोषण योजना की शुरुआत की है। उत्तराखंड में अब प्राथमिक और अंत्योदय के करीब 14 लाख राशन कार्ड धारकों को 1 किलो नमक रियायती दरों पर वितरित किया जाएगा। बाजार में जिस नमक की कीमत 30 रूपए प्रति किलो है वह नमक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत जुड़े परिवारों को ₹8 किलो में वितरित किया जाएगा। प्रदेश में राशन कार्ड धारकों को यह नमक 8 रूपए किलो में दिया जाएगा बाकी की राशि सरकार खुद चुकायेगी.

मुख्यमंत्री नमक पोषण योजना किया शुभारंभ

सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने "मुख्यमंत्री नमक पोषण योजना" का शुभारंभ किया, जो राज्य में गरीब परिवारों को मासिक 8 रुपये प्रति किलो आयोडाईज्ड नमक देगी।यह योजना अंत्योदय और प्राथमिक परिवार योजना के लगभग 14 लाख राशन कार्ड धारकों को मासिक 8 रुपये प्रति किलो आयोडाईज्ड नमक देगी। यह कार्यक्रम गरीबों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा और कुपोषण को समाज से दूर करेगा।

CM ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत देश भर में फ्री राशन दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले पांच वर्षों तक इस योजना का नेतृत्व करेंगे। उत्तराखंड में 14 लाख गरीब परिवारों को हर महीने मुफ्त राशन का लाभ इस योजना से मिलता है। राज्य सरकार बेहतर और शुद्ध राशन देने के लिए प्रतिबद्ध है। पारदर्शी व्यवस्था बनाना हमारी पहली प्राथमिकता है। कुछ लोगों ने फोर्टिफाइड चावल को प्लास्टिक का चावल बताकर लोगों को भ्रमित कर दिया, जो बिल्कुल झूठ है।मोदी ने गरीबों के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं।

9 लाख से अधिक लोग गरीबी रेखा से बाहर

CM ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में गरीबों को समर्पित योजनाएं लागू हो रही हैं। इसके परिणामस्वरूप बीते दशक में २५ करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। पिछले पांच वर्षों में उत्तराखंड में भी 9 लाख से अधिक लोग गरीबी रेखा से बाहर निकल गए हैं। राज्य में गरीबी रेखा से बाहर निकलने के मामले में पर्वतीय क्षेत्रों का प्रदर्शन बेहतर है। राज्य सरकार हर गरीब व्यक्ति को विकसित करने के लिए दृढ़ संकल्प के साथ काम कर रही है। राज्य में हर वर्ग (गरीब, महिला, युवा) के लिए योजनाएं चल रही हैं।