Uttarakhand : हिमालय पर ट्रैकिंग करने वालों के लिए बड़ी खबर, इन टेस्ट के बाद ही कर सकेंगे पर्वत पर चढ़ाई

Uttarakhand News :उत्तराखंड में 6 जून को 14 हजार फीट ऊपर सहस्त्रताल में 9 ट्रेकर्स की मौत हो गई थी। मरने वालों में ज्यादातर हार्ट, बीपी और शुगर के मरीज थे। ऐसी लापरवाही के कारण पिछले 2 सालों में 38 ट्रैकर्स की जान जा चुकी है।
 

Uttarakhand News : उत्तराखंड में 6 जून को 14 हजार फीट ऊपर सहस्त्रताल में 9 ट्रेकर्स की मौत हो गई थी। मरने वालों में ज्यादातर हार्ट, बीपी और शुगर के मरीज थे। ऐसी लापरवाही के कारण पिछले 2 सालों में 38 ट्रैकर्स की जान जा चुकी है। सरकार ने ट्रैक्टर्स की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, ऐसा दोबारा न हो, इसके लिए उत्तराखंड सरकार का पर्यटन विभाग ट्रैकर्स के लिए नई एसओपी (दिशानिर्देश) बना रहा है।

इसके मुताबिक हार्ट, ब्लड प्रेशर, शुगर और सांस के मरीज ट्रैकिंग नहीं कर पाएंगे। स्वस्थ ट्रैकर को ट्रैकिंग से 3 दिन पहले नजदीकी सरकारी अस्पताल में हार्ट, बीपी, बीएमआई, शुगर समेत 7 टेस्ट भी कराने होंगे।

ये टेस्ट कराने होंगे

बोन मिनरल टेस्ट, टीएमटी, ईसीजी, टोटल कोलेस्ट्रॉल, बीपी, शुगर पीएफटी की जांच 3 दिन पहले होगी। ये सामान साथ रखना जरूरी: वन विभाग की चौकियों पर ट्रैकिंग करने वाले दल को सैटेलाइट फोन दिया जाएगा, जो गाइड के पास रहेगा।  ट्रैकर के लिए स्लीपिंग बैग, टेंट, जीवन रक्षक दवाएं, राशन जरूरी है।

प्रमाणपत्र लेना होगा। उनके सामान की भी जांच की जाएगी। इसमें देखा जाएगा कि बैग में किसी भी तरह की आपात स्थिति से बचने के लिए उचित सामान है या नहीं। आपको बता दें कि उत्तराखंड में 123 से ज्यादा ट्रैकिंग स्पॉट हैं। यहां हर साल 30 हजार से ज्यादा ट्रैकर पहुंचते हैं।