उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्टेशन पर जल्द मिलेगी विश्वस्तरीय सुविधाएं, 498 करोड़ का आएगा खर्च
Railway Station : गोरखपुर जंक्शन का करीबन 140 साल बाद पुनर्विकास किया जा रहा है। गोरखपुर जंक्शन को 50 साल की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सिटी सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। गोरखपुर जंक्शन पर आने वाले लोगों को अब फुट ओवर ब्रिज और रुफ प्लाजा के साथ-साथ प्लेटफार्म पर भी पैदल करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। महिला बुजुर्गों और विशेष कर दिव्यांगों और मरीजों के लिए 1333.33 मीटर लंबे प्लेटफार्म पर 1 से दूसरे छोर का आवागमन आसान होने वाला है।
गोरखपुर जंक्शन दुनिया का सबसे लंबा दूसरा प्लेटफार्म है। इस जंक्शन पर इधर-उधर आना-जाना काफी मुश्किल होता है। इसी चीज को ध्यान में रखते हुए गोरखपुर जंक्शन पर ट्रैवलेटर लगाए जाएंगे। जंक्शन के पूर्ण विकास की कड़ी में ट्रेवलेटर के प्रस्ताव को मंजूर किया गया है। ट्रैवलेटर भी एक्सीलेटर की तरह काम करता है। एक्सीलेटर का इस्तेमाल ऊपर चढ़ने के लिए किया जाता है, वही ट्रैवलेटर का इस्तेमाल समतल जगह पर चलने के लिए किया जाता है।
गोरखपुर जंक्शन पर प्लेटफार्म नंबर एक के पास बंद पड़े एफओबी के पास एक नया एफओबी बनाया जा रहा है। रेलवे प्रशासन में सबसे पहले एक नया एफओबी बनाने का कार्य शुरू करने का निर्णय लिया है। गोरखपुर स्टेशन के मुख्य गेट उपस्थित एफओबी को 16 सितंबर 2023 से बंद किया गया है। 7 जुलाई 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुनर्विकास की आधारशिला रखी थी।
ये मिलेगी सुविधाएं
- मुख्य स्टेशन का भवन निर्माण 17900 वर्गमीटर में किया जाएगा
- दूसरे गेट का निर्माण 7400 वर्ग मीटर में किया जाएगा
- रूफ प्लाजा 10,800 वर्ग मीटर में बनाया जाएगा
- टिकट खिड़कियां 300 वर्ग मीटर में बनाई जाएगी
- 6300 वर्ग मीटर में वेटिंग एरिया बनाया जाएगा
- प्रतीक्षालय 3500 वर्ग मीटर में बनाया जाएगा
- 1,80000 लोगों का रोजाना जंक्शन से होगा आवागमन
पूर्वोत्तर के रेलवे जंक्शन संपर्क अधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि गोरखपुर जंक्शन के पूर्ण निर्माण के अंतर्गत आने वाले रेलवे स्टेशन पर विश्वस्तरीय सुविधाएं दी जाएगी। स्टेशन पर दो ट्रैवलेटर भी बनाए जाएंगे। इसके साथ-साथ वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं सहित सभी यात्रियों को इसका फायदा मिलेगा।