उत्तर प्रदेश का पहला सोलर एक्सप्रेसवे, 296 किलोमीटर लंबे हाईवे के साथ बनेगा सोलर पार्क

Uttar Pradesh Expressway :हाल ही में आए एक अपडेट के अनुसार, योगी सरकार ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को सौर ऊर्जा से भरने का प्रयास शुरू किया है। इसके लिए चार लेन वाले 296 किमी लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर सोलर पैनल लगाने की तैयारी शुरू हो गई है..।इस अपडेट के बारे में अधिक जानकारी के लिए खबर को पूरा पढ़ें। 
 

New Delhi : योगी सरकार ने सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर काम शुरू कर दिया है। इसके लिए चार लेन वाले 296 किमी लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर सोलर पैनल लगाने की तैयारी शुरू हो गई है। पीपीपी मॉडल इस परियोजना को मूर्त रूप देगा। 15 से 20 मीटर चौड़ाई वाले हाईवे के मुख्य कैरिज वे और सर्विस लेन के बीच खाली पड़े 15 से 20 मीटर के क्षेत्र में सोलर पैनल लगाकर सौर ऊर्जा उत्पन्न करने की योजना है।

सौर ऊर्जा औद्योगिक विकास को गति देगी

योगी सरकार ने अब सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक गलियारों, खासकर हाइवे के रख-रखाव और सुविधाओं में वृद्धि के लिए यह पहल की है, जिससे उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति मिली है। CM कार्यालय ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अच्छे हाईवे बनाने और संभालने के साथ ही सौर ऊर्जा से जुड़ने की कोशिश की जा रही है।

यूपी एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) इसी क्रम में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से सौर ऊर्जा प्राप्त करेगा। यूपीडा ने इसके लिए एक 'एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट' पत्र जारी किया है। इसमें बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को सोलर एक्सप्रेस-वे में बदलने की योजना भी बताई गई है। पीपीपी मॉडल इस कार्य को पूरा करेगा।

सौर ऊर्जा बनेगी बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की पहचान-

यूपीडा के मुताबिक, 296 किमी लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को सौर ऊर्जा चालित एक्सप्रेस-वे के तौर पर विकसित करने की विस्तृत कार्ययोजना (डीपीआर) तैयार की गई है. डीपीआर के  मुताबिक काम करने के इच्छुक कंपनियों से आवेदन मांगे गए हैं. इसके अंतर्गत, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को सौर एक्सप्रेस-वे के तौर पर विकसित करने के लिए सोलर पैनल्स को इंपैनल किया जाएगा.

हाईवे पर ही बनेगा सोलर पार्क-

बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे यूपी का सबसे आधुनिक सुविधा संपन्न एक्सप्रेस-वे में शुमार है. ऐसे में, इसे सौर ऊर्जा से संचालित करने की पहल से इसे नई पहचान मिलेगी. ज्ञात हो कि 4 लेन वाले 296 किमी लंबे इस हाईवे में मेन कैरिज वे और सर्विस लेन के रूप में दो हिस्से हैं. इन्हीं दोनों के बीच लगभग 15 से 20 मीटर चौड़ाई की पट्टी वाला क्षेत्र पूरे एक्सप्रेस-वे में फिलहाल खाली है. इस जगह को कृषि भूमि से अलग करके बाड़ लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. अब इसी क्षेत्र को सोलर पैनल से पाटने की योजना है. इससे पूरा एक्सप्रेस-वे सौर ऊर्जा से लैस हो जाएगा.

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