उत्तर प्रदेश के गांव की सड़कें अब होगी मलाई जैसी, UP सरकार का मास्टर प्लान तैयार
Village Roads: यूपी की ग्रामीण सड़कें अब हर समय दुरुस्त दिखाई देंगी। योगी आदित्यनाथ सरकार ने ग्रामीण सड़कों की मरम्मत की अवधि को आठ वर्ष से घटाकर पांच वर्ष करने का फैसला किया है। इस आशय का प्रस्ताव लोक निर्माण विभाग ने बनाया है। जो उच्च विद्युत कमेटी को भेजा जा रहा है। प्रदेश में ग्रामीण सड़कों की कुल लंबाई 211597 किमी. है।
सड़कों को 2003 के सर्कुलर के हिसाब से अभी भी सुधार दिया जा रहा है
ग्रामीण सड़कों के नवीनीकरण के साल की अवधि को कम करने से पड़ने वाले अतिरिक्त खर्च का भी विश्लेषण किया गया है। गौरतलब है कि राज्य में सड़कों की मरम्मत का वर्तमान मानक वर्ष 2003 का है। जिसमें राज्य मार्गों, प्रमुख जिला मार्गों और शहरी मार्गों को चार साल में नवीनीकरण करने का लक्ष्य है। शेष जिला मार्गों को नवीनीकरण करने में पांच साल लगेंगे। वहीं, ग्रामीण मार्गों के लिए सबसे अधिक समय आठ साल है।
गांवों में वाहनों की संख्या बढ़ने के बाद सड़कें जल्दी ही टूटने लगी हैं
ग्रामीण सड़कों को नवीनीकरण करने के लिए आठ साल का समय मिलने के कारण उनमें से अधिकांश की हालत खस्ताहाल दिखती है। हाल ही में ग्रामीण इलाकों में चार पहिया वाहनों की आवाजाही बढ़ने से इन सड़कों के टूटने और खराब होने की दर भी बढ़ी है। पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद ने दो महीने पहले हुई विभागीय समीक्षा बैठक में ग्रामीण सड़कों के नवीनीकरण चक्र को आठ साल से घटाकर पांच साल करने से विभाग पर पड़ने वाले अतिरिक्त वित्तीय प्रभाव का आकलन करने के निर्देश दिए।
पीडब्ल्यूडी विभागाध्यक्ष एके जैन ने बताया कि ग्रामीण सड़कों के नवीनीकरण चक्र को पांच साल तक बढ़ाया गया है। अब सड़कों के निर्माण के अलावा विभाग संबंधित ठेकेदार को पांच साल की मरम्मत भी देगा। सड़कों को निरंतर सुधारने के लिए अन्य कई प्रस्तावों पर भी विचार किया जा रहा है।