उत्तर प्रदेश में बच्चे गुड मार्निंग-नमस्ते की जगह बोलेंगे यह, स्टूडेंट्स के लिए तैयार है संस्कृत किट
यूपी के मुरादाबाद में अब बच्चे अपने शिक्षकों को शुभकामना या नमस्कार नहीं कह सकेंगे, बल्कि अभिवादनम् कहकर भी नमस्कार कर सकेंगे। संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए परिषदीय स्कूलों को संस्कृत किट दी जाएगी।
Saral Kisan : मुरादाबाद में आने वाले दिनों में परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे अपने शिक्षकों को शुभकामना या नमस्कार के बजाय अभिवादनम् कहकर भी नमस्कार कर सकेंगे। राज्य हिंदी संस्थान ने प्राथमिक स्कूलों में संस्कृत की जड़ें मजबूत करने का प्रयास किया है। नई शिक्षा नीति में अब बच्चों की संस्कृति का अध्ययन भी महत्वपूर्ण है। राज्य हिंदी संस्थान, वाराणसी ने इसके लिए प्रबंध करना शुरू कर दिया है। संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए भी परिषदीय स्कूलों को संस्कृत किट देने की योजना बनाई जा रही है। 27 सामग्री से बना एक संस्कृत किट में विवरण और इसका उद्देश्य बताया गया है।
हिंदी संस्थान के निदेशक ने राज्य के सभी डायट प्राचार्यों और बीएसए को पत्र लिखा है कि वे तीन दिवसीय प्रशिक्षण देंगे. प्रशिक्षण शुरू हो चुका है। सूबे के बच्चों में संस्कृति को प्रोत्साहित करने की योजना बनाई जा रही है। राज्य हिंदी संस्थान ने संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए एक कार्यक्रम बनाया है जिसका नाम है "संस्कृत किट बाल-संस्कृत-मंजूषा"।
संस्कृत किट में 27 सामग्रियों का विवरण और उनका उद्देश्य बताया गया है। राज्य हिंदी संस्थान, वाराणसी में एनईपी 2020 के तहत निर्मित कला समन्वित संस्कृत भाषा किट पर आधारित तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण शुरू हो गया है। सूबे के हर जिले से इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में तीन शिक्षक, एक डायट प्रवक्ता और दो प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक शामिल होंगे।
संस्कृत किट में नमस्ते नमामि, नौमी और अन्य शब्दों का प्रयोग करना सिखाने के लिए इन सामग्री का उपयोग किया जाएगा। जैसे प्रतिज्ञा, बालगीतम्, बालकथा, परिवेशीय चर्चा, फ्लैशकार्ड वैलक्रोपट्टी, आओ दोस्त, जोड़ें चित्र, शब्दों से वर्ण की ओर, आनन्दस्य पाठशाला, संस्कृत शब्द निर्माण, शब्दक्रीड़ा, वर्णानां नामानि, संस्कृत किट में सामग्री के रूप में डिब्बे में डिब्बे, लूडो क्रीड़ा, सांप-सीढ़ी क्रीड़ा, अंग परिचय, मम कुटुम्ब अहम् अस्मि, बाल जगत्, धावन प्रतियोगिता, पुरुष-वचन-परिचय, वाक्यनिर्माण-चक्रिका, स्टिक फ्लैशकार्ड, मनोभावा, मेरे अनेक नाम, वार्तालाप, प्रश्नवाचक-शब्दा, सुभाषितानी, कक्षा-कक्ष के अनुमति वाक्य, दिनचर्या
इन जिलों में प्रशिक्षण हुआ: अलीगढ़, मथुरा, बदायूं, अमरोहा, कानपुर नगर, मेरठ, सहारनपुर, लखनऊ, कौशाम्बी, ललितपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, मऊ, देवरिया, संतकबीर नगर, आंबेडकर नगर, महोबा, बस्ती और बहराइच।
इन जिलों में प्रशिक्षण हुआ: आगरा, मैनपुरी, हाथरस, बरेली, पीलीभीत, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, औरैया, बागपत, गौतमबुद्धनगर, कन्नौज, मुजफ्फरनगर, शामली, उन्नाव, सीतापुर, फतेहपुर, प्रयागराज, हमीरपुर, जालौन, चंदौली, गाजीपुर, भदोही, बलिया, गोरखपुर, कुशीनगर, अयोध्या,
फिरोजाबाद, एटा, कासगंज, शाहजहांपुर, बिजनौर, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद, इटावा, गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, रायबरेली, हरदोई, लखीमपुरखीरी, प्रतापगढ़, झांसी, वाराणसी, सोनभद्र, आजमगढ़, महराजगंज, सुल्तानपुर, अमेठी, बांदा, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर में शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया।
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