उत्तर प्रदेश रोडवेज यूरिया से पकड़ेगी स्पीड, एवरेज में आएगा सुधार, जानिए नई तकनीक

Lucknow News :बसों में डीजल के साथ-साथ यूरिया टैंक भी लगा होता है। यदि डीजल के साथ यूरिया का इस्तेमाल वहां की एवरेज के लिए किया जाता है। उत्तर प्रदेश रोडवेज के पास यूरिया के प्लांट नहीं है। इसके लिए प्राइवेट कंपनियों से बात की जा रही है।

 

UP News : उत्तर प्रदेश की रोडवेज बस अब डीजल के साथ यूरिया की ताकत से दौड़ लगाएगी। डीजल के साथ  यूरिया का प्रयोग कर बसों की एवरेज को बढ़ाया जाएगा। उसके लिए रोडवेज विभाग प्राइवेट कंपनियों से उड़िया खरीदने का प्लान बना रहा है। इसका प्रयोग अत्याधुनिक बसों में किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश रोडवेज विभाग के पास कल 12700 बस है। जिनमें से 9700 बस रोडवेज की है। 3000 बस अनुबंधित है। रोडवेज विभाग के पास यूरो-4  मॉडल की 4 हजार और यूरो-6 की 3 हजार बसें है। में रोडवेज बसों में ईंधन के साथ उड़िया मिलाई जाती है। आमतौर पर बस अनुमान के आधार पर तीन से चार किलोमीटर प्रति लीटर की एवरेज देती है वही उड़िया मिलने पर यह बंद कर दो गुनी हो जाती है। बस काम से कम 6 किलोमीटर प्रति लीटर की एवरेज  देने लगती है। इससे इंजन की लाइफ भी बनी रहती है।

बसों में डीजल टैंक के साथ ही यूरिया का टैंक रहता है। रोडवेज के पास यूरिया के प्लांट नहीं हैं, इसके लिए प्रयास किए गए, लेकिन फिजिबिलिटी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद प्राइवेट फर्मों से यूरिया खरीदने का प्लान बनाया गया। पीपीपी मोड पर प्राइवेट फर्मों से यूरिया खरीदने के लिए जल्द ही टेंडर किए जाएंगे। फिलहाल टाटा व अशोक लीलैंड की ओर से यूरिया की आपूर्ति की जाती है, लेकिन रोडवेज प्रशासन जल्द ही अपने बेड़े में एक हजार नई बसों को शामिल करने जा रहा है। ऐसे में यूरिया की खपत तेजी से बढ़ने की उम्मीद है।

सौ लीटर डीजल में कितनी यूरिया फिल करनी चाहिए 

रोडवेज अधिकारियों ने बताया कि बस में सौ लीटर डीजल भरे जाने पर उसमें पांच से छह लीटर यूरिया फिल की जाती है। इसका टैंक डीजल टैंक से अलग लगाया जाता है। यूरिया पड़ने से बसों का एवरेज बढ़ जाता है। यह तीन से छह किमी प्रति लीटर तक हो जाता है। इतना ही नहीं यूरिया की प्रति लीटर कीमत 35 से 40 रुपये पड़ती है। ऐसे में सौ लीटर डीजल टैंक के साथ रोडवेज को 240 रुपये प्रति बस यूरिया पर खर्च करने होते हैं।

किराये में हो सकती है बढ़ोतरी 

अफसर भले ही अभी इस बात से इनकार करें कि यूरिया की खरीदारी के चलते बसों का किराया बढ़ाया जाएगा। पर, बेड़े में नई बसों के शामिल होने के बाद किराया बढ़ सकता है। ईंधन के साथ यूरिया की खपत बढ़ेगी, जिससे रोडवेज का खर्चा भी बढ़ेगा, जिसकी पूर्ति यात्रियों की जेब से ही की जाएगी।

  • 12700 बसें है यूपी रोडवेज के बेड़े में
  • 9700 बसें रोडवेज व 3000 अनुबंधित बसें हैं बेड़े में
  • 7000 बसें यूरो-4 व यूरो-6 मॉडल की हैं इसमें
  • 35 से 40 रुपये प्रति लीटर है यूरिया का खर्च
  • 100 लीटर डीजल पर छह लीटर यूरिया होती है इस्तेमाल
  • 1000 नई यूरो मॉडल बसें बेड़े में शामिल करने की है योजना
  • 6 किमी प्रतिलीटर हो जाता है बस का एवरेज

प्लांट लगाने का प्लान 

उत्तर प्रदेश रोडवेज प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर ने कहा यूरिया की आपूर्ति के लिए खुद के प्लांट लगाने की योजना थी, लेकिन ऐसा हो नहीं सका। लिहाजा अब पीपीपी मोड पर खरीदारी का ही विकल्प है। यूरिया के इस्तेमाल से एवरेज बढ़ेगा, जिससे बसों की लाइफ भी ठीक रहेगी।