उत्तर प्रदेश के बिजली चोरों पर बकाया है 4 हजार करोड़, मिले मात्र 154 करोड़
Saral Kisan : बिजली महकमें द्वारा चलाई जा रही बकायेदार उपभोक्ताओं के लिए एकमुश्त समाधान योजना बिजली चोरी करने वाले आरोपी उपभोक्ताओं को नहीं पसंद है। पावर कारपोरेशन ने बिजली चोरी के मामलों में घोषित 4000 करोड़ रुपये में से महज 154 करोड़ रुपये प्राप्त किए हैं। अब तक, बिजली चोरी के मामले में आरोपी लगभग 6.47 लाख लोगों ने इस योजना से जुड़ने का पंजीकरण नहीं कराया है, जिनके पास लगभग 3846 करोड़ रुपये फंसे हैं।
यह यूपी के बिजली महकमें के इतिहास में पहली बार है कि ओटीएस को बिजली चोरी के मामलों में निर्धारित राजस्व में 65 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। प्रबंधन ने कई आलोचनाओं के बावजूद बिजली चोरी के मामलों में फंसे लोगों को बचाने का यह साहसिक कदम उठाया। बिजली चोरी के मामलों में रिकवरी न्यूनतम है, ओटीएस योजना का लगभग 35 दिन निकल जाने के बाद भी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रदेश में 6 लाख 92 हजार 781 बिजली चोरी के प्रकरण इस ओटीएस योजना में शामिल हैं। चार दिसंबर की रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से बिजली चोरी में फंसे कुल 45 हजार 420 लोगों ने इस योजना को अपनाया। जिससे करीब 154 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। बताया जाता है कि बिना आदेश के बिजली कनेक्शन काटने पर रोक लगाने के प्रबंधन के निर्णय से एकमुश्त समाधान योजना असफल रही है। बिजली चोरी के मामलों में भी वसूली मुश्किल हो रही है।
यूपीपीसीएल के चेयरमैन डा. आशीष गोयल ने कहा कि ओटीएस के तहत बिजली चोरी के मामलों में पहली और अंतिम छूट दी गई है। बिजली चोरी के मामले में इस तरह की छूट देने पर विचार नहीं किया जाएगा। बिजली चोरी के मामले में आरोपियों को ओटीएस का लाभ मिल सकता है।
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