उत्तर प्रदेश में मिलेगी अब 24 घंटे बिजली, पावर कॉरपोरेशन द्वारा जारी किए गए निर्देश

UP News : उत्तर प्रदेश में बिजली कटौती से परेशान उपभोक्ताओं को अब बड़ी राहत मिलने वाली है. मौसम चाहे गर्मी का हो या सर्दी का हो आज के समय में बिजली के बिना जीवन एक कल्पना है. उत्तर प्रदेश में 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जाएगी। 

 

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में 24 घंटे बिजली आपूर्ति करने के लिए सरकार बड़े स्तर पर काम कर रही है। प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में 18 घंटे, तहसील स्तर पर करीब 21 घंटे और जिला मुख्यालय स्तर पर लगभग 24 घंटे बिजली की आपूर्ति की जानी है. बिजली कंपनियों को इस संबंध में पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ आशीष गोयल ने आदेश जारी किए हैं। आदेश में कहा गया की 13 घंटे के मुताबिक ही ग्रामीण तहसील एवं शहरी इलाकों में बिजली की सप्लाई की जाए।

निर्धारित घंटों में बिजली की आपूर्ति करें

पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डा. अशीष गोयल ने बिजली कंपनियों को कहा है कि वे ग्रामीण, तहसील और शहरी क्षेत्रों में निर्धारित घंटों में बिजली की आपूर्ति करें। इस बारे में पूर्वांचल, दक्षिणांचल, मध्यांचल और पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड तथा केस्को कानपुर के प्रबंध निदेशकों को सूचना दी गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली की आपूर्ति की जाएगी, तहसील स्तर पर 21.30 घंटे और जिला मुख्यालय स्तर पर 24 घंटे की आपूर्ति की जाएगी। उनका कहना था कि जब बिजली रोस्टिंग के समय से कटौती की जाती है, तो उतने ही समय के लिए अतिरिक्त बिजली दी जाएगी। कृषि फीडरों पर भी यही व्यवस्था लागू की जाएगी।

उच्चीकृत किए बिना ही उपभोक्ताओं का भार बढ़ाया

सात महीने में, कंपनियों ने 30 लाख विद्युत उपभोक्ताओं का भार बढ़ा दिया है। बिजली आपूर्ति व्यवस्था को उच्चीकृत किए बिना ही उपभोक्ताओं का भार बढ़ाया गया हैं। पूरे राज्य में लगातार बिजली कट लगने से उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं। उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि 3.45 करोड़ उपभोक्ताओं ने 7.38 करोड़ किलोवाट का कुल भार स्वीकार किया है।

वहीं विद्युत कंपनियों के 132 केवी सब स्टेशन केवल 5.86 करोड़ किलोवाट की क्षमता है। इसकी वजह से उपभोक्ता बिजली की कमी से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियों ने नियामक आयोग के नियमों का उल्लंघन करते हुए उपभोक्ताओं को नोटिस दिए बिना अधिक बोझ डाला है। इससे उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं, जबकि कंपनियों की कमाई बढ़ी है। पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की उन्होंने मांग की है।