उत्तर प्रदेश में है विश्व का सबसे बड़ा स्कूल, 70 प्रतिशत लोगों को नहीं पता नाम

Largest School of the World : इस स्कूल को 1959 में सिर्फ पांच विद्यार्थियों से शुरू किया गया था। उस समय स्कूल के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी और डॉ. भारती गांधी ने 300 रुपये उधार लेकर इसकी शुरुआत की थी। लेकिन आज ये विश्व का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है। आज इस स्कूल में 58,000 छात्र हैं। स्कूल में 20 कैम्पस, एक हजार क्लास रूम, 3800 कंप्यूटर और 2500 शिक्षक हैं, और कुल 4500 कर्मचारी हैं।
 

Worlds Largest School : शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर सुविधाओं और बड़े मुद्दों पर चर्चा करते समय अधिकांश लोग विदेश का नाम लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है? लखनऊ भी नवाबों की नगरी है। लखनऊ का सिटी मोंटेसरी स्कूल (CMS) दुनिया भर में अपनी बोली अदब और तहजीब के लिए जाना जाता है।

पांच बच्‍चों के साथ हुई थी स्‍कूल की शुरुआत

इस स्कूल को 1959 में सिर्फ पांच विद्यार्थियों से शुरू किया गया था। उस समय स्कूल के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी और डॉ. भारती गांधी ने 300 रुपये उधार लेकर इसकी शुरुआत की थी। लेकिन आज ये विश्व का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है। आज इस स्कूल में 58,000 छात्र हैं। स्कूल में 20 कैम्पस, एक हजार क्लास रूम, 3800 कंप्यूटर और 2500 शिक्षक हैं, और कुल 4500 कर्मचारी हैं।

इस स्कूल को मिल चुका है, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड

सिटी मोंटेसरी स्कूल ने अब तक कई पुरस्कार जीते हैं। 2019 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में इस स्कूल को दुनिया का सबसे बड़ा स्कूल बताया गया। स्कूल ने यूनेस्को से भी पुरस्कार प्राप्त किया है। सीएमएस को 2002 में 'यूनेस्को प्राइज फॉर पीस' अवॉर्ड भी मिला।

आईसीएसई बोर्ड से मान्‍यता प्राप्‍त है, यह स्कूल

आज सीएमएस आईसीएसई बोर्ड से मंजूरी मिल गई है। इसमें बच्चों की उम्र के हिसाब से प्री-प्राइमरी स्कूल और प्ले ग्रुप में प्रवेश मिलता है। एडमिशन के दौरान नगर निगम से जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा। वहीं, कक्षा 3 और उससे ऊपर के स्कूल में एडमिशन दिलाने के लिए बच्चों के पिछले वर्ष के परिणामों, स्कूल द्वारा आयोजित लिखित परीक्षाओं में प्रदर्शन और स्कूल के शिक्षक से साक्षात्कार किया जाता है। इसके बाद प्रवेश दिया जाता है। स् कूल में हर बच्चे का अलग-अलग खर्च होता है।