उत्तर प्रदेश के किसान को सब्जी की खेती करने की इस विधि से हुआ निहाल, लाखों की हो रही कमाई
UP News : बाराबंकी कभी अफीम की खेती में प्रसिद्ध था। लेकिन सब्जियों की खेती अब आम है। यहां किसान परंपरागत खेती से अलग सब्जियों की खेती कर रहे हैं और अच्छी कमाई कर रहे हैं। ऐसे ही जिले के युवा किसान विवेक चौहान ने सब्जियों की खेती से अपना जीवन बदल लिया। एक एकड़ में लौकी और तुरई की खेती की शुरुआत करने के बाद वे आज पांच एकड़ में लौकी आदि की खेती से एक फसल से पांच लाख रुपये तक मुनाफा कमा रहे हैं।
बाराबंकी जिले के मसौली ब्लाक के गोडारी गांव में विवेक चौहान ने एआईपीएम विधि से सब्जियों की खेती करके अपने परिवार को जीवित रखने का प्रयास किया है। विवेक चौहान ने आईपीएम तकनीक का उपयोग करके अपने खेतों में पिले, सफ़ेद स्टिकी ट्रैप, लाइट ट्रैप और स्पाइन बुश नियंत्रण लगाए, जिससे वे शुद्ध सब्जिया ऊगा रहे हैं। जिले में जैविक खाद का उपयोग करके लौकी, तोरई, करैला जैसी सब्जियों की खेती करके किसानों को प्रेरणा दी है।
जैविक खाद का उपयोग करते हैं
विवेक चौहान ने बताया कि पहले हम परंपरागत धान गेहूं सरसो की खेती करते थे, लेकिन कोई खास मुनाफा नहीं मिलता था, इसलिए हमने आधुनिक खेती की ओर रुख किया। हमें एक एकड़ में लौकी, गोभी, तोरई, करेला, टमाटर और अन्य सब्जियों की खेती से अच्छा मुनाफा मिला। आज हम पांच एकड़ में सब्जियों की खेती कर रहे हैं और केमिकल-मुक्त जैविक खाद का उपयोग करते हैं। इस कृषि में लागत कम और अच्छा मुनाफा मिलता है।
सब्जी बेचकर लाखों की कमाई कर रहे हैं
किसान ने बताया कि वे सिर्फ सब्जी की खेती करते हैं ताकि रोजाना कमाई कर सकें। उनका कहना था कि सब्जी की खेती बाजार पर निर्भर करती है और मौसम पर। एक एकड़ की लागत चालिस हजार रुपये होती है, जबकि एक एकड़ का मुनाफा एक लाख रुपये तक हो सकता है। मैं अपने किसान भाइयों से कहना चाहता हूँ कि वे कुछ सब्जियों की खेती करना चाहिए। इससे उनकी आय दोगुनी होगी और वे अच्छे पैसे भी कमा सकेंगे।
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