UPPCL Update :सबसे पहले बिजली कर्मचारियों और सरकारी कार्यालयों में लगेंगे स्मार्ट मीटर, जल्द शुरू होगा अभियान
UPPCL Update : उत्तर प्रदेश में 3 करोड़ से अधिक बिजली उपभोक्ताओं के घर प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। लेकिन स्मार्ट मीटर को लेकर उठाए जा रहे सवालों के चलते पावर कारपोरेशन ने सबसे पहले बिजली कर्मियों, सरकारी कार्यालय और सरकारी कॉलोनी में ही प्रीपेड मीटर लगाने का निर्णय लिया है। आपको बता दें कि बिजली कर्मियों के यहां लगाए जाने वाले स्मार्ट प्रीपेड मीटर में रिचार्ज करवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्हें मौजूदा व्यवस्था के अनुसार तय धनराशि ही देनी पड़ेगी।
पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ आशीष कुमार गोयल की अध्यक्षता में बुधवार को हुई समीक्षा बैठक के दौरान स्मार्ट प्रीपेड मीटर फीडर और ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि स्मार्ट मीटर को लेकर उपभोक्ताओं में विश्वास जगाने की जरूरत है। इसी के चलते सरकारी कार्यालय और बिजली कर्मियों के यहां सबसे पहले स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। इसके साथ-साथ सबसे पहले सरकारी कॉलोनी में भी स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।
डॉ गोयल ने जानकारी देते हुए बताया कि बिजली कर्मियों को मीटर रीडिंग के अनुसार बिल न देने की सुविधा है। इसके लिए ऐसी व्यवस्था की जाएगी की स्मार्ट प्रीपेड मीटर को रिचार्ज करवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आज के समय में सरकारी कार्यालय व कॉलोनी में बिजली कनेक्शन के मामले में प्रति माह बिजली बिल जमा करवाने की व्यवस्था नहीं है, उन्हें भी रिचार्ज नहीं करवाना पड़ेगा।
जेई हर महीने 888 और फोर्थ ग्रेड के 444
आज के समय में आम उपभोक्ताओं को भले ही हजारों रुपए का बिजली बिल भरना पड़े। लेकिन बिजली विभाग में काम करने वाले लोगों को मामूली धनराशि देकर बिजली उपयोग करने को मिलती है। वहीं अगर जेई की बात की जाए तो हर महीने बिजली इस्तेमाल करने के लिए 888 रुपए देने पड़ते हैं। वहीं एई को 1092, एक्सईएन 1164, एसई को 1626 और मुख्य अभियंता को 1836 रुपए देने पड़ते हैं। इसके साथ-साथ अगर तृतीय श्रेणी की बात की जाए तो 540 रुपए और चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों को 444 रुपए देने पड़ते हैं।
स्मार्ट मीटर लगने के बाद चलेगा बिजली खपत का पता
बिजली विभाग में काम करने वाले कर्मचारी चाहे कितनी भी बिजली की खपत करें उन्हें महीने में 650 रुपए प्रति माह देना होता है। इसी वजह से बिजली कर्मचारी अपने घर पर मीटर लगाए जाने का विरोध करते रहते हैं। क्योंकि मीटर लगाए जाने के बाद आसानी से पता चल जाएगा कि कौन कितनी बिजली का इस्तेमाल कर रहा है।
जैसा कि हम जानते हैं बिजली विभाग में काम करने वाले सभी कर्मचारियों के यहां एसी लगे होते हैं। लेकिन उनके द्वारा विभाग के रिकॉर्ड में घर पर खपत की जा रही बिजली का विवरण नहीं दिया जाता। इसके चलते किराएदार है या फिर आस पड़ोस के लोगों को बिजली देने वालों का चेहरा भी बेनकाब होगा। क्योंकि स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद आसानी से पता चल जाएगा कि कौन कितनी बिजली का इस्तेमाल कर रहा है।