UP News : दिवाली से पहले उत्तर प्रदेश के इन इलाकों में होगी पानी की किल्लत, यह है बड़ी वजह
UP News :यूपी के इस जिले में त्योहारी सीजन में पानी की किल्लत होने की आशंका बढ़ती जा रही है, क्योंकि इलाके की जनसंख्या बढ़ती जा रही है। आइए विस्तार से जानें इसका कारण।
UP News : त्योहारों में शहर में पेयजल की कमी हो सकती है। यह समस्या अपर और मध्य गंगा कैनाल की सफाई के दौरान बुलंदशहर के पालड़ा फाल से गंगाजल की कमी से उत्पन्न हुई है। सिंचाई विभाग के अधिकारी जल निगम और जलकल विभाग के संपर्क में हैं। जलकल विभाग ने जनता की चिंता को देखते हुए यमुना को अधिक लिफ्ट करने की योजना बनाई है ताकि गंगाजल की कमी को पूरा किया जा सके।
बुलंदशहर के पालड़ा फाल से आगरा-मथुरा को 150 क्यूसेक गंगाजल दिया जाता है। इसमें से 10 क्यूसेक मथुरा को दिया जाता है, शेष 140 क्यूसेक आगरा में आता है। लेकिन, सफाई कार्य के चलते शनिवार सुबह से गंगाजल में कमी आनी शुरू हो गई। आगरा तक 150 की जगह केवल 90 क्यूसेक पानी की सप्लाई ही हो पाई। इस वजह से रविवार और सोमवार को जीवनी मंडी और सिकंदरा वाटरवर्क्स पर गंगाजल की मात्रा कम रहेगी। इसका असर जलापूर्ति पर पड़ेगा।
इन जगहों पर ज्यादा पड़ेगा असर
सिकंदरा और जीवनी मंडी वाटरवर्क्स पर गंगाजल की मात्रा कम पहुंचने के कारण प्रेशर पर असर पड़ेगा, जिससे टेल एंड तक के क्षेत्रों में ज्यादा प्रभाव पड़ेगा। इनमें जीवनी मंडी, बेलनगंज, काला महल, बालूगंज, ताजगंज, बुंदू कटरा, शाहगंज, अर्जुन नगर, ईदगाह, अजीत नगर, खेरिया मोड़, लोहामंडी, गोकुलपुरा, राजा मंडी, बाड़ा चरन सिंह, मदिया कटरा, सूर्य नगर, लॉयर्स कालोनी, कमला नगर, मुगल रोड, दयालबाग, बल्केश्वर, आवास विकास कालोनी आदि क्षेत्र में पानी का संकट ज्यादा रह सकता है।
ये भी पढ़ें - उत्तर प्रदेश के इस हाईवे का किया जाएगा चौड़ीकरण, 900 करोड़ रुपए होगें खर्च
जलनिगम गंगाजल इकाई, प्रोजेक्ट मैनेजर, रमेश चंद्र ने बताया कि सिंचाई विभाग को पत्र भेजा है कि नहरों की सफाई का काम जल्द पूरा करके पालड़ा फाल को सप्लाई दी जाए। उम्मीद है कि रविवार रात तक पालड़ा से स्थिति में सुधार आएगा। वहां से आगरा तक पानी आने में 18 से 20 घंटे लगेंगे। महाप्रबंधक जलकल, कुलदीप सिंह ने कहा कि गंगाजल की मात्रा में पालड़ा से ही कमी आने लगी है। इन दो दिनों में प्रयास होगा कि सिकंदरा और जीवनीमंडी वाटरवर्क्स पर ज्यादा से ज्यादा यमुना जल लेकर जलापूर्ति में आने वाली कमी को दूर कराएं।