UP News : उत्तर प्रदेश के इस रिंग रोड के लिए 22 गांवों की 130 हेक्टेयर जमीन का होगा अधिग्रहण, मिलेगा 4 गुना मुआवजा

UP News : उत्तर प्रदेश का बरेली अब जल्द ही ट्रैफिक जाम से निजात भी पाएगा। यहां का नेशनल हाईवे बरेली-दिल्ली, लखनऊ-बरेली, नैनीताल-बरेली रोड लगभग 65 किमी है, जो आगरा, मथुरा, अलीगढ़ और यमुना एक्सप्रेस को जोड़ता है।
 

Saral Kisan - उत्तर प्रदेश का बरेली अब जल्द ही ट्रैफिक जाम से निजात भी पाएगा। यहां का नेशनल हाईवे बरेली-दिल्ली, लखनऊ-बरेली, नैनीताल-बरेली रोड लगभग 65 किमी है, जो आगरा, मथुरा, अलीगढ़ और यमुना एक्सप्रेस को जोड़ता है। लंबी रिंग रोड बनाने की प्रक्रिया अब तेजी शुरू हो चुकी है। रिंग रोड को बनाने की अनुमानित लागत करीब 1, 610 करोड़ रुपये होगी। आपको बता दे की जिले में रिंग रोड बनाने के लिए 22 गांवों से 130 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होना है। 21 गांवों की कार्रवाई पूरी हो चुकी है, लेकिन मीरगंज तहसील के रहपुरा जागीर गांव में अभी भी चकबंदी चल रही है। इसलिए अधिग्रहण नहीं हुआ। राजस्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि एसओसी से उन पैसे को चकबंदी से बाहर निकालने का अनुरोध किया गया था। जिससे जमीन प्राप्त हो सके। राजस्व विभाग ने उन रकबो को इसके बाद मुक्त कर दिया है। इससे जल्द ही रहपुरा चौधरी की जमीन भी ली जाएगी।

2027 विधानसभा चुनाव से पहले रिंग रोड पर वाहन दौड़ेंगे -

रिंग रोड का निर्माण लगभग 80% जमीन मिलने के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले शुरू करने की योजना है। रिंग रोड को UP विधानसभा चुनाव 2027 से पहले खोलने के लिए इसके साथ ही चुनावी लाभ भी मिल सकता है। NHAI जमीन का बैनामा अपने नाम करेगा और यहां के किसानों को सर्किल रेट से चार गुना मुआवजा देगा। आपको बता दे की Ring Road दो भागों में बनाया जाएगा, जो बरेली शहर को घेरेगा। इसका पहला भाग ग्राम पंचायत धंतिया से चौबारी मुस्तकिल तक 20 किलोमीटर है, जबकि दूसरा भाग चौबारी मुस्तकिल से रजऊ परसपुर तक 12 किलोमीटर है। रिंग रोड की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) और जमीन अधिग्रहण के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है। प्रोजेक्ट को 11 सितंबर, 2023 को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की लैंड रिकोजीसन कमेटी (LCA) की बैठक में मंजूरी दी गई। नैनीताल, दिल्ली और लखनऊ राजमार्गों को रिंग रोड का दूसरा भाग जोड़ेगा।इन्वर्टिस विश्वविद्यालय तिराहा से बड़ा बाइपास है।

भू-उपयोग में बदलाव पर लगी रोक, होगी मकान-पेड़ों की गिनती

रिंग रोड परियोजना में शामिल 37 गांवों की जमीन का भूउपयोग परिवर्तन करने की प्रक्रिया, यानी धारा-80 प्रक्रिया, फिलहाल बंद है। रजिस्ट्री कार्यालय को भी बैनामे नहीं मिलने की सूचना दी गई है। जिससे भूमि अधिग्रहण के बाद ही भू-उपयोग में परिवर्तन दोबारा हो सकेंगे। रिंग रोड की जमीन का संयुक्त सर्वे भी शुरू हो गया है। NHAI और राजस्व विभाग की टीम रिंग रोड पर आने वाले पक्के घरों और पेड़ों की गिनती करेगी। उनका मुआवजा निर्धारित किया जाएगा। सर्वे के बाद किसानों को अपनी आपत्ति दर्ज करने का मौका मिलेगा। SLAO आपत्तियों को सुनवाई के बाद निपटारा करेगा।

बरेली की तीन तहसीलों में स्थित गांवों की जमीन का होगा अधिग्रहण -

रिंग रोड के लिए बरेली की मीरगंज, सदर और फरीदपुर तहसील के गांवों से जमीन ली जाएगी। यह जमीन धंतिया, परसाखेड़ा, रसूला चौधरी, बल्लाकोठा,धौरपुर ठाकुरान, परतासपुर, सैदपुर लश्करीगंज, सुंदरपुर, रजऊ परसपुर , बादशाहनगर,सरायतल्फी मुस्तकिल, सरायतल्फी मुस्तकिल, महगवां, बिरिया नरेंद्रपुर, इटावा सुखदेवपुर, बेहटा जागीर, रौंधी मुस्तकिल, महेशपुर ठाकुरान, बुखारा सरनिया, रहपुरा जागीर, महेशपुरा अटरिया, रोठा मुस्तकिल, रोठा एहतमाली, सहसिया हुसैनपुर एहतमली, सहसिया हुसैनपुर मुस्तकिल, , चौबारी मुस्तकिल, बरीनगला, उमरसिया, लखौरा, दुबारी, पालपुर कमालपुर, की जमीन अधिग्रहण की जाएगी.

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