UP: मीटर में बदलाव करना पड़ गया भारी, 43 हजार रुपए आया बिजली बिल

Postpaid Meter : उत्तर प्रदेश में स्मार्ट मीटर बनाने वाली दो निजी कंपनियां उपभोक्ताओं के साथ-साथ बिजली विभाग को भी तंग कर रही है। जिसके चलते बिजली के बिल में वृद्धि होने से लोग बिजली विभाग के चक्कर लगाते नजर आ रहे हैं। इसको लेकर बड़े अधिकारियों ने बताया कि बहुत ही जल्द इस समस्या से जूझ रहे उपभोक्ताओं को राहत दी जाएगी।
 

Uttar Pradesh : बिजली विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ बिजली उपभोक्ता भी दो निजी कंपनियों के मीटरों की वजह से परेशान हो गए हैं। क्योंकि बिजली बिल अधिक आने की वजह से उपभोक्ताओं को बिजली विभाग के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। क्योंकि बिजली बिल अधिक आने के कारण उनका नाम पेंडिंग पड़े बिलों में आ गया है। ऐसे सैकड़ो उपभोक्ता हैं जिनको परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और वहीं बिजली विभाग के अधिकारी बोल रहे हैं कि जल्द ही इस समस्या का समाधान किया जाएगा।

पोस्टपेड मीटर के कारण आया, 43 हजार का बिल

यह पूरा मामला जानकीपुरम बिजली विभाग का है, जहां पर उपभोक्ता ने किसी तकनीकी समस्या आने के कारण प्रीपेड के स्थान पर पोस्टपेड मी लगवाया था। इसके बाद उपभोक्ता का पहले महीने में 43 हजार का बिल आ गया। उपभोक्ता ने इस मामले की जानकारी जूनियर सिविल इंजीनियर को दी। जिस पर इंजीनियर ने बिजली विभाग आने को कहा था।

बड़े अधिकारियों के पास पहुंचा, मामला

उपभोक्ता का यह मामला बड़े अधिकारियों के पास पहुंचा तो उन्होंने बताया कि उपभोक्ता का बिल 11600 ही आया है। बची हुई राशि को बिल में ईनऑपरेटिव के तौर पर जोड़ी गई है। जिससे उपभोक्ता का किसी प्रकार का कोई लेना देना नहीं है। इस मामले को लेकर सभी बड़े अधिकारियों में बैठक की गई। लेकिन अभी बताया नहीं जा सकता कि इससमस्या का समाधान कब तक किया जाएगा।

एक सप्ताह में किया जाएगा, समस्या का हल

मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के निदेशक योगेश को मारने बताया कि यह समस्या दो निजी कंपनियों के मीटर में आ रही है। जिसे अधिकारियों द्वारा हल किया जा रहा है, इसको लेकर उम्मीद जताई जा रही है कि एक सप्ताह में इस समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।