UP Kanpur : 34 किमी. मेट्रो रूट से 100 मोहल्लों की बदल जाएगी तस्वीर, व्यापार और रोजगार को मिलेगी रफ्तार

 

UP Kanpur : शहर में 34 किलोमीटर मेट्रो रूट पर दोनों तरफ पांच-पांच सौ मीटर दूरी पर आ रहे सौ से ज्यादा मुहल्लों की तस्वीर बदलेगी। शहर के विकास के साथ ही आय और रोजगार के संसाधन बढ़ेंगे। आवासीय भवनों में व्यावसायिक, औद्योगिक व मिश्रित प्रयोग हो सकेगा।

मेट्रो रूट ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) जोन घोषित किया गया है। KDA बोर्ड की 138 वीं बैठक में टीओडी जोन को सहमति दे दी गई है। इसके तहत जनता से आपत्ति व सुझाव बुधवार से मांगे जाएंगे। आपत्ति व सुझाव का निस्तारण कराके बोर्ड के समक्ष प्रस्ताव स्वीकृति के लिए रखा जाएगा।

बोर्ड की स्वीकृति कराके शासन को भेजा जाएगा। महायोजना 2031 के साथ लागू की जाएगी। एक साल में लागू करने की तैयारी है। इसके तहत आइआइटी से मोतीझील, फूलबाग चौराहे से सेंट्रल रेलवे स्टेशन होते हुए नौबस्ता तक और चन्द्रशेखर एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (सीएसए) से विजय नगर चौराहा, शास्त्री चौक होते हुए बर्रा-8 तक का 34 किलोमीटर क्षेत्र से मेट्रो गुजर रही है।

केडीए बोर्ड की बैठक मंडलायुक्त अमित गुप्ता की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में टीओडी जोन को सहमति दे दी गई है। इस बाबत केडीए उपाध्यक्ष विशाख जी ने बताया कि मेट्रो रूट पर अभी 1.5 फ्लो एरिया रेशियो (एफएआर) हैं, जिसे अब केडीए बोर्ड ने विकसित क्षेत्र में चार एफएआर और अविकसित क्षेत्र में पांच एफएआर कर दिया है।

भू उपयोग परिर्वतन में कोई बदलाव नहीं किया है। एफएआर बढऩे से तेजी से क्षेत्र में विकास होगा। एक हेक्टेयर से कम में आवासीय जगह है तो 70 प्रतिशत आवासीय और बाकी 30 प्रतिशत अन्य में प्रयोग किया जा सकता है। सुझाव और आपत्ति मांगी गई है।

रोजगार के साथ ही राजस्व आय में भी होगा इजाफा 

मेट्रो से जुड़े इलाकों की तस्वीर बदलने के साथ ही लोगों का रहन सहन बदलेगा और आय बढ़ेगी। साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। व्यावसायिक निर्माण होने से आय के साथ लोगों को रोजगार मिलेगा।

एक हेक्टेयर से नीचे की टीओडी स्कीम 
70 प्रतिशत विद्यमान उपयोग और 30 प्रतिशत अन्य उपयोग (व्यावसायिक, औद्योगिक व मिश्रित उपयोग)। (भारी और प्रदूषणकारी उद्योग )

FAR

निर्मित क्षेत्र में चौड़ी रोड का
12 मीटर रोड तक पर 2.5, 12 से 18 मीटर रोड तक 3.5
18 मीटर से अधिक - 3.5

विकसित क्षेत्र

12 मीटर रोड तक पर 3.0, 12 से 18 मीटर रोड तक 3.5
18 मीटर से अधिक - 4.0

अविकसित क्षेत्र

12 मीटर रोड तक पर 3.5, 12 से 18 मीटर रोड तक 4.5
18 मीटर से अधिक - 5.0
एक हेक्येटर से अधिक की टोओडी स्कीम 

50 से सौ प्रतिशत तक विद्यमान उपयोग और 50 प्रतिश किसी अन्य उपयोग (भारी और प्रदूषणकारी उद्योगों का छोड़कर)

एफएआर

निर्मित क्षेत्र में चौड़ी रोड का
12 मीटर रोड तक पर 2.5, 12 से 18 मीटर रोड तक 3.5
18 मीटर से अधिक - 3.5

विकसित क्षेत्र

12 मीटर रोड तक पर 3.0, 12 से 18 मीटर रोड तक 3.5
18 मीटर से अधिक - 4.0

अविकसित क्षेत्र

12 मीटर रोड तक पर 3.5, 12 से 18 मीटर रोड तक 4.5
18 मीटर से अधिक - 5.0
पार्किंग आवश्यकता - प्रति सौ वर्ग मीटर पर एक 

यह मेट्रो कारिडोर 

मेट्रो का प्रथम कारिडोर : आआइटी से नौबस्ता तक मोहल्ले : गूबा गार्डन, आइआइटी, नानकारी, कल्याणपुर, विकास नगर, शारदा नगर, गीतानगर, सर्वोदय नगर, काकादेव, रावतपुर, मोतीझील, जीटी रोड, गुमटी नंबर पांच, स्वरूप नगर, तिलक नगर, आर्यनगर, बेनाझाबर, चुन्नीगंज, हर्षनगर, नवीन मार्केट, बड़ा चौराहा, परेड, फूलबाग, नयागंज, घंटाघर, सुतरखाना, हरबंश मोहाल, कैनाल पटरी, मालरोड, झकरकटी, ट्रांसपोर्ट नगर, बारहदेवी, किदवईनगर, बसंत बिहार, बौद्ध नगर, नौबस्ता समेत कई मोहल्ले मेट्रो रूट के पांच सौ मीटर दायरे में पड़ेंगे।

मेट्रो द्वितीय कारिडोर : सीएसए से जरौली तक मोहल्ले : काकादेव, डबलपुलिया, विजयनगर, शास्त्रीनगर, गोङ्क्षवदनगर, साकेतनगर, निरालानगर, बर्रा दो से आठ तक, शास्त्री चौक बर्रा, महादेव नगर, विश्वबैंक, जरौली, दामोदर नगर, फजलगंज, सीटीआई, दादानगर समेत कई मोहल्ले मेट्रो रूट के पांच सौ मीटर दायरे में पड़ेंगे।

सिटी डेवलपमेंट प्लान में यातायात पर जोर

उपाध्यक्ष ने बताया कि सिटी डेवलपमेंट प्लान 2050 के हिसाब से तैयार किया जा रहा है। मेट्रो रूट के विकास और वाहनों के भार को देखते हुए प्लान तैयार किया गया है। मेट्रो मुख्य आबादी वाले क्षेत्रों को कवर कर रही है। मेट्रो को ज्यादा से ज्यादा उपयोगी बनाया जाएगा ताकि ट्रैफिक का भार कम हो।

इसके अलावा मेट्रो को जोड़ते हुए बस सर्विस और अन्य सुविधाओं को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा मेट्रो से आने जाने वालों के दोपहिया और चौपहिया वाहन खड़े करने की व्यवस्था की गई है। सिटी डेवलपमेंट प्लान जल्द लागू किया जाएगा। साथ ही पार्किंग की भी व्यवस्था की जाएगी।

दीवापली में 220 भूखंड लाने की तैयारी

शहरवासियों के लिए दीपावली में 220 भूखंड लागने की तैयारी की जा रही है। पिछले दिनों खाली कराई गई करीब एक अरब रुपये की जमीन को बाउंड्रीवाल बनाकर सुरक्षित किया जा रहा है। भूखंड की कास्ट के साथ ही बाउंड्रीवाल के दाम भी जोड़े जाएगे। बाउंड्रीवाल के निर्माण से योजना सुरक्षित रहेेगी। फिर से कब्जे नहीं हो पाएगे। वहीं माती योजना का मामला न्यायालय में चल रहा है। निस्तारण होने के बाद धरातल पर लाई जाएगी। माती स्थित बनारअली गांव में 13 हेक्येटर जमीन में योजना लायी जा रही थी। आठ हेक्टेयर ग्राम समाज की जगह थी बाकी किसानों से अधिग्रहण होनी है।

न्यू कानपुर सिटी योजना की शासन से सहमति मिली 

न्यू कानपुर सिटी और बिनगवां योजना पर अपर मुख्य सचिव ने सहमति जताई है। कमेटी बनाकर न्यू कानपुर सिटी योजना का सर्वे कराके कार्य योजना तैयार की जा रही है। नए सिरे से योजना का खाका तैयार हो रहा है। शासन से सहमति मिलने के बाद और केडीए के अफसर जुट गए है। उपाध्यक्ष ने बताया कि धन भी मिलने की उम्मीद है। तेजी से योजना को धरातल पर लाया जाएगा। योजना में जमीन अधिग्रहण के लिए करीब सात सौ करोड़ रुपये की जरूरत है। केडीए ने बोर्ड बैठक में बजट में अधिग्रहण के लिए 150 करोड़ रुपये भी रखे है। 

इन्वेस्टर्स समिट में आए निवेशकों को जमीन उपलब्ध कराई जाएगी 

उपाध्यक्ष ने बताया कि इन्वेसर्ट समिट में आए निवेशकों को जमीन केडीए और जिला प्रशासन उपलब्ध कराएगा। अनुबंध पर तेजी से कार्य कराया जाएगा जहां पर निवेशकों को दिक्कत होगी उनको दूर किया जाएगा। आइजीआरएस के कामों की समीक्षा की जा रही है और निस्तारण कराया जा रहा है।

अंकुश समिति के समक्ष दोनों रद नक्शे रखे जाएंगे, स्पष्टीकरण भी तलब

उपाध्यक्ष विशाख जी ने बताया कि उत्तर प्रदेश विधान परिषद की अंकुश समिति की बुधवार को होने वाली बैठक में विनायक श्री रियल एस्टेट लिमिटेड का एनआरआई सिटी कटरी ख्यौरा 12,496 जमीन पर ग्रुप हाउसिंग का ग्रीन बेल्ट की जगह और सिंहपुर कछार और गंगपुर चकबदा में 25 हजार वर्ग मीटर पर रायल पाम इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड का शैक्षिक जमीन पर पास किए गए व्यावसायिक नक्शे की रद्द रिपोर्ट रखी जाएगी।

उपाध्यक्ष ने बताया कि कमेटी ने पिछले दिनों जांच में मानक के विपरीत नक्शे स्वीकृति होना पाया था उनको रद्द कर दिया है। ग्रुप हाउसिंग का नक्शा 18 मार्च 2023 और व्यावसायिक नक्शा एक फरवरी 2023 को स्वीकृत किया गया था। उपाध्यक्ष ने बताया कि नक्शा पास करने में शामिल अफसरों से स्पष्टीकरण तलब किया गया है इनको समिति के समक्ष रखा जाएगा। बाकी जांच शासन स्तर पर चल रही है।

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