MP में 120 करोड़ की लागत से बनेंगे दो नए ब्रिज, ट्रैफिक में होगा सुधार

Omkareshwar Temple In Ujjain :सिंहस्थ 2028 को लेकर तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर में भी प्लानिंग शुरू हो गई है। क्योंकि सिंहस्थ के दौरान उज्जैन में 12 से 15 करोड़ और ओंकारेश्वर में 5 से 7 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इसको लेकर प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।
 

Omkareshwar Temple In Ujjain : सिंहस्थ 2028 को लेकर तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर में भी प्लानिंग शुरू हो गई है। क्योंकि सिंहस्थ के दौरान उज्जैन में 12 से 15 करोड़ और ओंकारेश्वर में 5 से 7 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इसको लेकर प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी के किनारे मंदिर है। नदी के किनारे जगह की कमी और श्रद्धालुओं की भीड़ को प्रशासन सबसे बड़ी चुनौती मान रहा है। भीड़ प्रबंधन के तहत प्रशासन ने 2 नए पुल, वेटिंग बिल्डिंग, 7 घाट और 9 छोटे-बड़े अतिरिक्त घाट बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। इसके अलावा पार्किंग और कुछ नई सड़कें बनेंगी और कुछ को चौड़ा और साफ किया जाएगा। प्रशासन ने 848 करोड़ रुपए खर्च किए। विकास का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। मंजूरी के बाद अगले तीन साल में यह काम होना है। 

इस प्रस्ताव में पुलों और सड़कों का होगा निर्माण  

इस प्रस्ताव में पुलों पर 120 करोड़, सड़कों पर 100 करोड़ खर्च किए जाएंगे। वहीं, प्रतीक्षालय पर 20 करोड़ खर्च करने का प्रस्ताव भेजा है। ज्योतिर्लिंग तक पहुंचने के लिए फिलहाल दो पुल हैं, पहला सस्पेंशन ब्रिज, दूसरा जेपी चौक का पुराना पुल। 120 करोड़ से बनेंगे 2 नए पुल पहला पुल सस्पेंशन ब्रिज से मंदिर तक बनना है। झूलापुल से मंदिर तक अभी एक ही पुल बना है। इसके समानांतर एक और पुल बनाया जाएगा। पुल से मंदिर मंदिर तक दूसरी तरफ से जाना और आना होगा। इसकी लागत भी 60 करोड़ है। 

6 किलोमीटर की दो लेन सड़क और 15 किलोमीटर की चार लेन रोड 

मोरटक्का से ओंकारेश्वर तक 15 किलोमीटर की फोर लेन बनेगी। इसके अलावा इनपुन चौराहे से मरेधाड़ी तक 6 किलोमीटर की दूसरी सड़क बनेगी।  परिक्रमा मार्ग पर 7 किमी सीसी रोड भी बनाई जाएगी। सड़कों पर कुल 100 करोड़ रुपए खर्च होंगे। दूसरा सिद्धवरकूट से अकार पर्वत टाक सस्पेंशन ब्रिज 60 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा। 

प्रस्ताव शासन को भेजा 

सिंहस्थ और सावन में आने वाली भीड़ को लेकर 5 जुलाई को ओंकारेश्वर में निरीक्षण कर अफसरों से चर्चा करेंगे। सिंहस्थ का प्रस्ताव शासन को भेजा है। मंजूरी के बाद काम शुरू होगा।