प्रॉपर्टी के विवाद से बचाने के लिए ऐसे बनवाएं वसीयत, अभी जान लें सारे नियम

Property : घर के मालिक की मृत्यु के बाद प्रॉपर्टी पर झगडा होना बहुत आम बात हैं। इसलिए इस झगडे से बचने के लिए ही वसीयतनामा तैयार किया जाता हैं। इसी के चलते हम आपको बताने जा रहे हैं कि वसीयत तैयार करने के लिए आपको किन बातों का ध्यान रखना जरूरी हैं जानिए...
 

Saral Kisan : परिवार में बड़े बुजुर्ग की मृत्यु हो जाने के बाद संपत्ति के लिए बेटे और बेटियों के अलावा उत्तराधिकारों के बीच विवाद होना आम बात है। इसलिए विवाद से बचने के लिए मृत्यु होने से पहले संपत्ति का बंटवारा किस तरह करें इसके बारे में वकील से सलाह लेना जरूरी है।

वहीं दूसरी तरफ परिवार में शामिल लोगों के बीच संपत्ति का बंटवारा निष्पक्ष रुप से नहीं होने के कारण लड़ाइयां होती है। किस तरह से वसीयत तैयार करें जिससे आगे चलकर विवाद नहीं हो यह एक बहुत ही चैलेंजिंग काम है? इसके लिए नियम और योजनाएं बना सकते हैं।

वसीयत में उत्तराधिकार का लिखें नाम

विवाद से बचने के लिए वसीयत तैयार करें। इसमें उन सभी लोगों का नाम शामिल करें जिसे आप उत्तराधिकार बनाना चाहते हैं। वहीं दूसरी तरफ आप जिनके नाम भी जो प्रॉपर्टी करना चाहते हैं उसके बारे में विस्तार से जानकारी दें। इससे आगे चलकर लोगों के बीच विवाद होने की संभावनाएं नहीं रहती है। परिवार में शामिल सभी लोग वसीयत के अनुसार इसमें शामिल संपत्ति को अपने अपने अधिकार में ले लेते हैं।

सभी की सहमति लेकर तैयार करें वसीयतनामा

वसीयतनामा बनवाते समय परिवार में शामिल सभी लोगों से मिलकर विचार करें। प्रॉपर्टी, शेयर, या कोई भी संपति जिनके नाम करना चाहते हैं उन्हें इसके बारे में जानकारी जरूर दें। इससे आगे चलकर वे समझदारी के साथ इसे स्वीकार कर लेंगे। सिर्फ इतना ही नहीं वसीयतनामा बनवाते समय प्रॉपर्टी को किस हिसाब से डिस्ट्रीब्यूटर करें इसके लिए वकील की सलाह लें। यह भी सुनिश्चित करें कि आपके पास संपत्ति के सभी डॉक्यूमेंट उपलब्ध हो। नियम और कानून में बदलाव होने के बाद इसे अपडेट करवाना न भूलें।

निष्पक्षता के साथ बनाए नियम और योजनाएं

संपत्ति का बंटवारा किस हिसाब से करें इसके लिए निष्पक्षता सबसे जरूरी है। सभी नियम और योजनाएं बनाते समय वसीयत में शामिल लोगों को तर्क के साथ इन चीजों को स्पष्ट करें। मृत्यु होने के बाद किसी भी तरह की कन्फ्यूजन ना हो इसके लिए सभी पहलुओं के ऊपर ध्यान देना जरूरी है। आप जिन एग्जीक्यूटर को इसमें शामिल कर रहे हैं उसे भरोसेमंद ईमानदार और सक्षम होना चाहिए। इन सभी बातों को ध्यान में रखकर आप बहुत ही आसानी से उत्तराधिकार बना सकते हैं। इससे विवाद होने से भी बच जाएंगे।

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