उत्तर प्रदेश के इस जिले के हजारों किसान बनेंगे करोड़पति, 40 गांवों से ली जाएगी जमीन
 

UP News : उत्तर प्रदेश के इस जिले के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। यमुना विकास प्राधिकरण एक मास्टर प्लान पर काम कर रहा है। यमुना विकास प्राधिकरण 40 गांव की जमीन अधिग्रहण करेगा। 

 

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के इस जिले में नए सेक्टर विकसित किए जाएंगे। इन सेक्टरों को लेकर यमुना प्राधिकरण की प्लानिंग पर काम कर रही है। यमुना विकास प्राधिकरण 40 गांव की जमीन खरीद कर वहां सेक्टर विकसित करेगा। 

यमुना प्राधिकरण ने अगले पांच साल का कार्ययोजना बनाई है। किसानों और प्राधिकरण के बीच आबादी सहित अन्य मुद्दों पर संघर्ष नहीं होगा। 2048 के मास्टर प्लान में आने वाले प्रत्येक सेक्टर के लिए 40 गांवों से जमीन ली जाएगी। यमुना प्राधिकरण ने सभी गांवों की जमीन और सीमाओं को चिह्नित करने के लिए सर्वे की शुरुआत की है। सर्वे से पता चलेगा कि गांव की आबादी कहां है, कहां निर्माण हुआ है और कौन सी जमीन खाली है। सर्वे के आधार पर ही सरकार जमीन खरीदेगी।

क्या है तैयारियां उत्तर प्रदेश के इस जिले के हजारों किसान बनेंगे करोड़पति, 40 गांव से ली जाएगी जमीन

यमुना विकास प्राधिकरण इन गांव की जमीन की खरीद कर 15 नए सेक्टर विकसित करेगा। इन सेक्टर पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाएंगे। यमुना विकास प्राधिकरण 40 गांव की जमीन खरीदने के लिए लगभग 77.377करोड रुपए बजट जारी किया जाएगा। 

प्लान पर चल रहा है काम

डॉ अरुणवीर सिंह जो यमुना विकास प्राधिकरण के सीईओ हैं उन्होंने यह जानकारी सांझा की है। इस प्लान पर यमुना विकास प्राधिकरण की तैयारी चल रही है।

इन गांव की होगी जमीन अधिग्रहण 

योजना के अनुसार तृथली, चकबीरमपुर, कुरेब, मुरादगड़ी, टप्पल बाजना, आकलपुर, कल्लूपुरा, रन्हेरा, जोनचाना और फाजीलपुर समेत 40 गांवों की जमीन यमुना प्राधिकरण खरीदेगा।

इन क्षेत्रों को प्राधिकरण विकसित करेगा

सीईओ ने बताया कि इन गांवों की जमीन पर सेक्टर-28, 29, 32, 21, 33, 22E, 12D और 10 बनाए जाएंगे। टप्पल बाजना गांव में अर्बन सेंटर, लॉजिस्टिक पार्क, सेक्टर-6, 7, 8, 5 और 11 भी बनाए जाएंगे। शहरों के चारों ओर सड़कें बनाई जाएंगी। जो अवैध निर्माण को रोके। इसके लिए योजना बनाई जा रही है।

निर्माण कार्य पर 1,13,856 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने कहा कि किसानों से 40 गांवों की जमीन खरीदली जाएगी। किसानों को इसके एवज में 77,377 करोड़ रुपये मिलेंगे। इसके अलावा, क्षेत्रों और क्षेत्रों को विकसित करने पर 36,479 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

नहीं होगी शिफ्टिंग की समस्या

इसके आधार पर गांव की जनसंख्या का आंकड़ा छोड़ दिया जाएगा। इससे पेरीफेरल बाउंड्री बनाई जाएगी, जिसमें आबादी को निकालने और शिफ्ट करने के लिए जगह बची रहेगी। इसलिए अब प्लीज बैक शिफ्टिंग की समस्या नहीं होगी। अरुणवीर सिंह ने कहा कि लंबे समय से चल रहे यह विवादों को लेकर हर दिन धरना प्रदर्शन होते थे। इसलिए इस नई योजना से अब यह बहस पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी। अब आबादी, लीज बैंक या शिफ्टिंग के बारे में कोई बहस नहीं होगी।