किसानों में फेमस हुई गेहूं की यह किस्म, खरीदने के लिए लोगों की लगी लाइन

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) ने विशेष रूप से चपाती बनाने में क्रांति लाने के लिए गेहूं की नई किस्म विकसित की है।
 

Saral Kisan : पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) ने विशेष रूप से चपाती बनाने में क्रांति लाने के लिए गेहूं की नई किस्म विकसित की है। गेहूं की नई किस्म का नाम 'पीबीडब्ल्यू-1 चपाती' है। रबी सीजन से पहले गेहूं की इस नई किस्म ने क्षेत्र के किसानों के बीच काफी लोकप्रियता हासिल की है। अन्य गेहूं किस्मों की तुलना में अपेक्षाकृत कम उपज के बावजूद, 'पीबीडब्ल्यू-1 चपाती' किसानों के बीच एक सनसनी बन गई है। किसान मेलों और कृषि विज्ञान केंद्रों पर पहले ही 300 क्विंटल बीजों की बिक्री हुई है। गेहूं की इस किस्म से चपाती नरम, मीठी और स्वादिष्ट बनती है और लोग इसकी सराहना कर कर रहे हैं।

इस अभूतपूर्व विकास के बारे में बोलते हुए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के वी.सी. सतबीर सिंह गोसल ने अपना उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, 'पीबीडब्ल्यू-1 चपाती' अपने नाम की तरह ही स्वादिष्ट चपाती बनाने की शानदारी किस्म है। गेहूं की इस किस्म को लेकर उत्साह इसके असाधारण गुणों के कारण है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी किसानों ने ऐसी कई किस्मों को विकसित किया है लेकिन उन किस्मों की खेती में इतनी रुचि नहीं दिखाई गई है।

'पीबीडब्ल्यू-1 चपाती' मोटे अनाज और 12.13 प्रतिशत की प्रभावशाली प्रोटीन सामग्री का दावा करता है, जो इसे उन लोगों के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प बनाता है जो अपने दैनिक भोजन में पोषण मूल्य को प्राथमिकता देते हैं। यह मीठी और नरम चपाती बनाने के लिए जाने जाने वाले पारंपरिक 'देसी गेहूं' के मुकाबले अपनी पकड़ बना सकता है। 'पीबीडब्ल्यू-1 चपाती' से बनी चपाती लंबे समय तक पकाने के बाद भी सफेद रंग की रहती है जिसमें मिठास व साफ्टनेस होती है, जोकि रोटी बनाने के काफी देर बाद तक भी रहती है।

इससे पहले, लंबी गेहूं की किस्म C306 ने चपाती की गुणवत्ता के लिए स्वर्ण मानक स्थापित किया था। इसके बाद, पीएयू ने पीबीडब्ल्यू 175 पेश किया, जिसमें सराहनीय चपाती बनाने के गुण पेश किए गए हुए। अब 'पीबीडब्ल्यू-1 चपाती' उत्कृष्टता की इस परंपरा को एक नए स्तर पर ले जाता है, जो चपाती के शौकीनों को वास्तव में एक अद्वितीय अनुभव का वादा करता है। 'पीबीडब्ल्यू-1 चपाती' की शुरूआत न सिर्फ खेती के अभ्यासो को आगे बढ़ाने के लिए पीएयू के समर्पण का प्रमाण है। जैसे-जैसे रबी का मौसम नजदीक आ रहा है, किसान और उपभोक्ता समान रूप से उस सुखद परिवर्तन का आनंद लेने के लिए उत्सुक हैं जो 'पीबीडब्ल्यू-1 चपाती' उनके खाने की मेज पर लाने का वादा करता है।

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