NCR में दौड़ने वाली रैपिड रेल का ये स्टेशन बचा रहा है अधिक बिजली

पर्यावरण संरक्षण की ओर कदम बढ़ाते हुए एनसीआरटीसी ने आरआरटीएस परियोजना के अंतर्गत कई पर्यावरण-अनुकूल पहल की हैं। इसी श्रृंखला में, डिपो, स्टेशन, रिसीविंग सबस्टेशन (आरएसएस) और आवासीय परिसरों सहित सभी प्रमुख प्रतिष्ठानों को आईजीबीसी के साथ पंजीकृत किया गया है,

 

Saral Kisan राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में पड़ने वाले शहरों की दिल्ली से दूरी कम हो सके, इसके लिए रैपिड रेल (Rapid Rail) का जाल बिछया जा रहा है। इस परियोजना के तहत सबसे पहले दिल्ली से मेरठ के रास्ते पर काम हो रहा है। इसी रैपिड रेल को नमो रेल (Namo Rail) का नाम दिया गया है।

पिछले दिनों ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके प्राथमिकता वाले खंड मतलब कि साहिबाबाद से दुहाई तक रेल सेवा की शुरुआत की है। अब साहिबाबाद रेलवे स्टेशन के ताज में एक और हीरा लग गया है। इस स्टेशन के लिए प्रतिष्ठित 'प्रोजेक्ट अवार्ड' की सर्वोच्च रेटिंग, प्लेटिनम रेटिंग से सम्मानित किया गया है। यह प्लेटिनम रेटिंग इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (IGBC) द्वारा चेन्नई में आयोजित ग्रीन बिल्डिंग कांग्रेस 2023 में दी गई। प्लेटिनम रेटिंग आईजीबीसी द्वारा दी जाने रेटिंग्स में सर्वोच्च रेटिंग है।

रैपिडएक्स में उठे हैं कई पर्यावरण अनुकूल कदम

पर्यावरण संरक्षण की ओर कदम बढ़ाते हुए एनसीआरटीसी ने आरआरटीएस परियोजना के अंतर्गत कई पर्यावरण-अनुकूल पहल की हैं। इसी श्रृंखला में, डिपो, स्टेशन, रिसीविंग सबस्टेशन (आरएसएस) और आवासीय परिसरों सहित सभी प्रमुख प्रतिष्ठानों को आईजीबीसी के साथ पंजीकृत किया गया है,

जो उच्चतम पर्यावरणीय स्थिरता मानकों को बनाए रखने के एनसीआरटीसी के मिशन के अनुकूल है। यह अवार्ड एनसीआरटीसी की स्थापना के बाद से ही सतत विकास के प्रति उसकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। साहिबबाद स्टेशन के साथ ही गाजियाबाद रिसीविंग सबस्टेशन (आरएसएस) को भी यह अवार्ड मिला है।

ऐसे होती है ऊर्जा की कम खपत

आरआरटीएस का कहना है कि वह परियोजना की संकल्पना से लेकर इसके कार्यान्वयन तक, एनसीआरटीसी निरंतर पर्यावरण-अनुकूल प्रक्रियाओं को अपनाता रहा है। प्री-डिज़ाइन चरण से शुरू होकर, निर्माण के प्रत्येक चरण में निम्न कार्बन उत्सर्जन को सुनिश्चित करना संस्था की प्राथमिकता रही है।

फ्लाई ऐश ईंटों का उपयोग, कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन वेस्ट का प्रभावी निपटान, हवादार और आरामदायक बिल्डिंग इंटीरियर का निर्माण, ऊर्जा-कुशल डिजाइन, वर्षा जल संचयन प्रणालियों का कार्यान्वयन और सौर ऊर्जा का व्यापक उपयोग जैसी तमाम पहल, सतत विकास के प्रति एनसीआरटीसी की प्रतिबद्धता की उदाहरण हैं।

साहिबाबाद और गाजियाबाद आरएसएस के साथ-साथ वायाडक्ट के नीचे के स्थान में विस्तृत लैंडस्केपिंग के प्रयास, उस समग्र दृष्टिकोण में योगदान करते हैं जो परियोजना के निर्माण और परिचालन चरणों के दौरान ऊर्जा की खपत और कार्बन फुटप्रिंट को काफी कम कर देता है।

70 फीसदी बिजली इससे मिलेगी

एनसीआरटीसी का लक्ष्य है कि अपनी कुल ऊर्जा आवश्यकता का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा नवीकरणीय स्रोतों द्वारा पूरा किया जाए। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए संस्था ने एक सौर नीति अपनाई है,

जिसका लक्ष्य स्टेशनों, डिपो और अन्य भवनों की छतों पर लगभग 11 मेगावाट की अधिकतम घरेलू सौर ऊर्जा उत्पन्न करना है। इसके अलावा, यह ट्रैक्शन उद्देश्यों के लिए नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए ऊर्जा मिश्रण को भी अनुकूलित करेगा।

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