गेहूं की इस खास किस्म का आटा बिकता हैं 150 रुपए किलो, यह खेती करवा देगी मालामाल
Cultivation:खपली गेहूं भी एक पारंपरिक किस्म है। एमर गेहूं भी कहलाता है। यह बिल्कुल प्राकृतिक है। गेहूं बहुत औषधीय है। ₹150/kg गेहूं का आटा बाजार में बिकता है। ऐसे में खपली गेहूं (Khapli Wheat) की खेती इस रबी सीजन में किसानों को सामान्य गेहूं की तुलना में कई गुना अधिक मुनाफा दे सकती है।
Khapli Wheat Cultivation: देश भर में धान की कटाई जारी है। गेहूं की बुवाई, रबी सीजन की प्रमुख फसल, धान की कटाई के बाद शुरू होगी। गेहूं की खेती जलवायु परिवर्तनों से प्रभावित होती है। इससे उत्पादन में कमी आती है, जिससे किसान अपनी मेहनत का सही मुनाफा नहीं पाते। ऐसे में किसानों के लिए गेहूं की पारंपरिक किस्मों की खेती लाभदायक हो सकती है। खपली गेहूं भी एक पारंपरिक किस्म है। एमर गेहूं भी कहलाता है। यह बिल्कुल प्राकृतिक है। गेहूं बहुत औषधीय है। ₹150/kg गेहूं का आटा बाजार में बिकता है। ऐसे में खपली गेहूं (Khapli Wheat) की खेती इस रबी सीजन में किसानों को सामान्य गेहूं की तुलना में कई गुना अधिक मुनाफा दे सकती है।
बिहार सरकार कृषि विभाग ने बताया कि बेगुसराय जिला खपली गेहूं की खेती करता है। यह गेहूं पहले महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में खेला जाता था, लेकिन यह खेती बेगूसराय से शुरू हुई और बिहार में धीरे-धीरे फैलेगी। किसानों ने नए उपायों को अपनाकर अपनी आय बढ़ा रहे हैं। बिहार के बेगुसराय में अब नवपाषाण काल में खपली किस्म के गेंहू की खेती शुरू हो गई है। अब तक महाराष्ट्र में इस गेहूं की खेती होती थी, लेकिन जब यह खेती बेगूसराय में शुरू हुई, तो खेती धीरे-धीरे बिहार में फैल जाएगी।
12 से 16 हजार क्विंवटल के बीच खपली गेहूं की कीमत है
गेहूं की इस किस्म की सख्त और हल्के भूरे रंग की बाहरी परत अनाज को लंबे समय तक बचाती है। दस हजार साल पहले मध्य पूर्व काल में किसानों ने ही इस गेहूं के बीज को बचाया था। देश में इसके बीज पर कोई अध्ययन नहीं हुआ है, क्योंकि यह रासायनिक दवा नहीं है। हेल्दी है। वर्तमान में आम गेहूं का मूल्य प्रति क्विंटल 2500 रुपये है, लेकिन इस गेहूं का मूल्य 12000-16000 रुपये है।
औषधीय प्रभावों से भरपूर
Khapli Wheat फाइबर, वसा और प्रोटीन से भरा हुआ है। सामान्य गेहूं की तुलना में इसमें कम आयरन और कैल्शियम है। फाइबर से भरपूर इसका आटा आपको वजन कम करने में मदद करेगा। खपली गेहूं का आटा लाल रंग का है और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स है, जो शरीर से चीनी को धीमी करने में मदद करता है, जो सामान्य गेहूं से अलग है।
रक्त शर्करा को नियंत्रित करने के कारण यह मधुमेह रोगियों के लिए एक अच्छा विकल्प है। यह भी पॉलीफेनोल्स से भरपूर है, जो कैंसर, हृदय रोगों और न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों को कम करने में मदद करते हैं। यह आम गेहूं की तरह है इस्तेमाल किया जाता है, रोटियां लजीज बनती है.
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