गोरखपुर में ये सड़क बननी थी फोरलेन, अब रद्द हुआ टेंडर, जानिए क्या है वजह
UP News : उत्तर प्रदेश में आम जनता के लिए यातायात को सुविधाजनक और सुहाना बनाने के लिए प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा हैं। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश में असुरन चौराहे से पिपराइच तक फोरलेन रोड का निर्माण किया जाना था। इससे सड़क का चौड़ीकरण भी किया जाना है।
Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में असुरन चौराहे से पिपराइच फोरलेन रोड का निर्माण किया जाना हैं. गोरखपुर के इस फोरलेन हाईवे के लिए कार्य योजना बनाई गई थी. इस फोरलेन सड़क के लिए टेंडर प्रक्रिया हो चुकी थी। पीडब्ल्यूडी विभाग की तरफ से अब इस रोड का टेंडर रद्द कर दिया गया है। अब इस फोरलेन हाईवे के लिए दोबारा से कार्य योजना तैयार की जाएगी। गोरखपुर के असुरन चौराहे से लेकर पिपराइच तक फोरलेन रोड नई कार्य योजना बनाकर दोबारा से टेंडर करवाया जाएगा।
सड़क की चौड़ाई के कारण इस कार्य योजना में बदलाव
इस कार्य योजना में रुकावट का असली कारण है कि सड़क की चौड़ाई के कारण इस कार्य योजना में बदलाव किया गया है। बता दें कि इसी के चलते बालापार से गांगी बाजार तक तक सड़क चौड़ीकरण का कार्य अब आदर में लटक गया है। गोरखपुर के असुरन चौराहे से लेकर पिपराइच तक 19 किलोमीटर सड़क का चौड़ीकरण किया जाना है। इस सड़क चौड़ीकरण के लिए कार्य योजना पहले से ही तैयार कर ली गई थी। इस सड़क चौड़ीकरण के जद में जो भी मकान में दुकान आ रहे थे PWD विभाग की तरफ से उन पर निशान लगाने का कार्य किया जा रहा था.
सड़क की चौड़ाई 20.5 मीटर करने का आदेश
मुख्यमंत्री ने इस पर सड़क की चौड़ाई 20.5 मीटर करने का आदेश दिया। पूर्व में सड़क की चौड़ाई 27.5 मीटर थी। हालाँकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि पूरी सड़क 20.5 मीटर चौड़ी होगी या केवल पादरी बाजार तक का हिस्सा। इसलिए परियोजना की पहले से बनाई गई कार्ययोजना को हटा दिया गया है। पुराने टेंडर को निरस्त कर दिया गया है, मुख्य अभियंता अरुण कुमार सिंह ने बताया। आगे की कार्रवाई जारी है। परियोजना में बदलाव के अनुसार टेंडर प्रक्रिया दोबारा अपनाई जाएगी।
टिकरिया रोड से गांगी बाजार तक एक फोरलेन सड़क
पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने कहा कि बालापार टिकरिया रोड से गांगी बाजार तक एक फोरलेन सड़क बनाने की योजना है। इस सड़क को भी टेंडर कराया गया है। लेकिन यह भी खत्म हो गया है। इसके लिए पुनः टेंडर कराया जाएगा भी। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, शासन ने पिछले जनवरी में एक निर्देश जारी किया था। इसमें कहा गया है कि सभी श्रेणियों की सड़कों का रखरखाव करने के लिए पांच साल का अनुबंध ठेकेदार से होना चाहिए। इसलिए टेंडर भी कैंसिल किया गया है।