उत्तर प्रदेश के 53 गांवों से गुजरेगी ये रेल लाइन, रफ्तार पकड़ेगा कार्य, मिलेगा सस्ता सफर

New Railway Line : नई रेल लाइन जिले के घुघली रेलवे स्टेशन से महराजगंज और आनंदनगर तक 53 किमी चलेगी। 53 गांव इस रेलवे लाइन पर होंगे। 194 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की जरूरत है। नई रेल लाइन कनेक्टिविटी को बेहतर करेगी। कृषि बाहुल्य क्षेत्र में उद्योग भी बढ़ेगा। जिले की सीमा से दो रेलवे लाइनें गुजरती हैं, लेकिन जिला मुख्यालय इससे बाहर था। जिला मुख्यालय को रेल लाइन से जोड़ने की मांग लंबे समय से चल रही है।
 

Uttar Pradesh : घुघली-आनंदनगर से महराजगंज की नई रेल लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण का काम तेजी से चल रहा है। 37.65 हेक्टेयर जमीन अभी तक अधिग्रहण की गई है। 1344 किसानों को इसके बदले 1 अरब 15 करोड़ 46 लाख रुपये मुआवजा देना होगा। 1 अरब 11 करोड़ 67 लाख रुपये का मुआवजा देकर जमीन अधिग्रहण की गई है।

नई रेल लाइन जिले के घुघली रेलवे स्टेशन से महराजगंज और आनंदनगर तक 53 किमी चलेगी। 53 गांव इस रेलवे लाइन पर होंगे। 194 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की जरूरत है। नई रेल लाइन कनेक्टिविटी को बेहतर करेगी। कृषि बाहुल्य क्षेत्र में उद्योग भी बढ़ेगा। जिले की सीमा से दो रेलवे लाइनें गुजरती हैं, लेकिन जिला मुख्यालय इससे बाहर था। जिला मुख्यालय को रेल लाइन से जोड़ने की मांग लंबे समय से चल रही है।

गोंडा से पनियहवा की दूरी कम होगी, करीब 42 किमी

इस नई ट्रेन की स्थापना से गोंडा से पनियहवा की दूरी 42 किमी कम हो जाएगी। पहले रेलगाड़ियों को गोंडा से आनंदनगर-गोरखपुर होकर पनियहवा के रास्ते बिहार की ओर चलना था, जो 307 किमी की दूरी तय करती थी। अब ट्रेनें आनंदनगर से महराजगंज तक घुघली से होकर पनिहवा पहुंच जाएंगी। इसके लिए केवल 265 किमी चलना होगा। रेलवे और यात्रियों दोनों इससे लाभ उठाएंगे। यात्रा में बहुत कम समय लगेगा।

जमीन अधिग्रहण के लिए 225 करोड़ का मिला, बजट

रेलवे ने नई रेल लाइन बनाने के लिए भूमि अध्याप्ति विभाग को 225 करोड़ रुपये का बजट दिया है। इससे जमीन की अधिग्रहण दर बढ़ेगी। 53 गांवों में से 29 गांवों में अभी तक जमीन अधिग्रहण के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी किए गए हैं। इसमें से बारह गांवों में मुआवजा लगभग बांटा गया है। जिला मुख्यालय के सीमावर्ती सहित 17 गांवों में रेलवे को जमीन देने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन किसान सर्किल रेट के अनुसार जमीन नहीं देना चाहते हैं।

पचीस लाख में खरीदा प्लाट, सात लाख बन रहा मुआवजा

गांधीनगर क्षेत्र में रहने वाले सोनू राय, दमयंती राय, कृष्ण मोहन शुक्ला राजीव नगर और विनय मिश्रा टीकर परसौनी ने बताया कि उन्होंने नगरीय क्षेत्र में घर बनाने के लिए जमीन का टुकड़ा खरीदा है। यह शहरी क्षेत्र है, इसलिए भूमि की कीमत सर्किल रेट से कई गुना अधिक है। सर्किल रेट से दोगुना देने के बाद भी सामान्य कृषि भूमि 1.44 लाख रुपये प्रति डिस्मिल पड़ रही है। आपत्ति भी दर्ज की जा रही है, लेकिन जिले से कोई राहत नहीं मिलती। भूस्वामियों का कहना है कि वे 5 से 7 लाख रूपये डिस्मिल की दर से प्लाट खरीदकर घर बनाने के लिए गहना और खेत बंधक रखते हैं। स्टाम्प पेपर भी एक प्रमाण है। इसी जमीन को डेढ़ लाख रुपये से भी कम मूल्य पर कैसे बेच दिया जाए? जिले स्तर से कोई राहत नहीं मिलने पर भूस्वामी हाईकोर्ट जाना शुरू कर दिया है।

नई रेल लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया होगी, तेज

एसडीएम मदन मोहन वर्मा ने बताया कि नई रेल लाइन घुघली-आनंद वाया महराजगंज के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अभी भी जारी है। 111 करोड़ से अधिक मुआवजा अभी तक दिया गया है। अधिग्रहण के लिए 225 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। इससे जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज होगी।