उत्तर प्रदेश के 14 गावों से गुजरेगी ये नई रेलवे लाइन, पटरी बिछाने का कार्य जोरों पर

UP News : उत्तर प्रदेश के 14 गांवों से होकर नई रेलवे लाइन गुजरने वाली है। इस नई रेलवे लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया कई सालों तक चली है। इस नई रेलवे लाइन बन जाने के बाद राजधानी दिल्ली,हरिद्वार, देहरादून के रेलवे यात्रियों को बड़ा फायदा पहुंचाने वाला है। 

 

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड के बीच नई रेलवे लाइन बिछाने का काम जोरों शोरों से चल रहा है। उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड को जोड़ने वाले देवबंद रुड़की की रेलवे लाइन  बनाने की घोषणा साल 2006 में की गई थी। इस रेलवे लाइन का 17 किलोमीटर का हिस्सा उत्तर प्रदेश में और उत्तराखंड में 10 किलोमीटर के हिस्से मैं गुजरने वाली है.

जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया 

इस नई रेल लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया करीब 1 साल तक चली है. इससे रेल मार्ग पर देवबंद के गांव बांधेड़ा खास और हरिद्वार जनपद के झबरेड़ा मैं दो नए रेलवे स्टेशन का निर्माण किया गया है. जानकारी के लिए बता दें कि रेलवे ट्रैक बिछाने और विद्युत पोल लगाने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। इस रेलवे रूट पर देवबंद स्टेशन पर रुड़की रूट की ट्रेनों के लिए नया प्लेटफार्म बना दिया गया है. देवबंद जंक्शन का बोर्ड स्टेशन पर लगा दिया गया है. इस नई रेलवे लाइन बन जाने के बाद राजधानी दिल्ली,हरिद्वार, देहरादून के रेलवे यात्रियों को बड़ा फायदा पहुंचाने वाला है। 

उत्तर प्रदेश के 14 और उत्तराखंड के 11 गांव से होकर गुजरेगा रेलवे ट्रैक

देवबंद रुड़की रेल परियोजना उत्तर प्रदेश में सहारनपुर जनपद के 14 गांवों और उत्तराखंड के हरिद्वार के 11 गांव से होकर गुजरने वाली है. इनमें देवबंद के बन्हेड़ा खास, जाटौल, मझौल जबरदस्तपुर, नियामतपुर, माजरी, असदपुर करंजाली, दिवालहेड़ी, नूरपुर और देवबंद हदूद शामिल हैं।

33 किलोमीटर कम होगा सफर 

वर्तमान में, देवबंद से रूड़की हरिद्वार जाने वाले ट्रेनों को सहारनपुर या फिर टपरी स्टेशन से गुजरना पड़ता है। लेकिन नया रेलवे रूट शुरू होने पर यात्री सीधे रूडकी, देहरादून और हरिद्वार जैसे स्टेशनों पर जा सकेंगे। इससे लगभग 33 किमी की दूरी घट जाएगी। बता दे की दूरी कम होने के साथ  समय और किराया भी बच जाएगा। बन्हेड़ा खास और झबरेड़ा स्टेशनों पर निर्माण कार्य अंतिम चरण में चल रहा है, सीनियर सेक्शन इंजीनियर रविंद्र कुमार ने बताया। इस नवीनतम रेलमार्ग पर अक्टूबर के अंत तक ट्रेनें चलाने की उम्मीद है।