उत्तर प्रदेश के 500 से ज्यादा गांवों की बल्ले-बल्ले, ये नया एक्सप्रेसवे 2025 में होगा तैयार

UP News : उत्तर प्रदेश के गंगा किनारे बसे शहरों का ग्रामीण क्षेत्र की यातायात व्यवस्था की आधुनिकरण में सरकार तेजी से लगी हुई है। गंगा एक्सप्रेसवे इन शहरों में ग्रामीण इलाकों को बड़ा फायदा होगा। इस एक्सप्रेसवे की मदद से औद्योगिक विकास व राज्य के नागरिकों की आय में उन्नति मैं भी मददगार साबित होगा। 

 

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश की गंगा एक्सप्रेसवे को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। गंगा एक्सप्रेसवे का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। इसी साल के अंत तक इस एक्सप्रेसवे का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे 150 हेक्टेयर जमीन में औद्योगिक गलियारा भी बनाया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे पर प्लांटेशन की मांग हो रही है। 

गंगा एक्सप्रेसवे किनारे बनने वाली औद्योगिक कल्याण के लिए 150 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन चिन्हित कर ली गई है। टाइम का खास ध्यान रखते हुए इस हाईवे का काम टारगेट से पहले पूरा किया जाएगा। 594 किलोमीटर लंबा राजमार्ग यूपी के 12 जिलों में 518 गांवों से गुजरेगा। यह बिजौली गांव से मेरठ-बुलंदशहर राजमार्ग पर शुरू होकर प्रयागराज में एनएच 19 पर जुदापुर दादू गांव के पास समाप्त होगा।

महत्वाकांक्षी योजना

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह महत्वाकांक्षी योजना है। गंगा एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 594 किलोमीटर है। मेरठ से प्रयागराज के बीच पिछले वाले इस एक्सप्रेसवे का निर्माण 2025 कुंभ मेले से पहले पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। मेरठ से शुरू होने वाली 594 किमी की गंगा एक्सप्रेसवे हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, सम्भल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज में समाप्त होगी। इस एक्सप्रेसवे पर पुल भी बनाए जाएंगे, जो दो बड़ी नदियों रामगंगा और गंगा को जोड़ेंगे। शाहजहांपुर में 3.5 किमी लंबी हवाई पट्टी भी विकसित की जानी है, जहां भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों की लैंडिंग-टेक ऑफ होगी। गंगा एक्सप्रेस वे पर कुल 18 फ्लाईओवर और 8 सड़क पार ब्रिज बनाए जाएंगे।

मुख्य टोल प्लाजा

मेरठ और प्रयागराज में गंगा एक्सप्रेस वे के मुख्य टोल प्लाजा होंगे। इसके अलावा बारह रैम्प टोल प्लाजा भी होंगे। यमुना एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को गंगा एक्सप्रेस वे से जोड़ा जाएगा। तैयार होने के बाद प्रयागराज और मेरठ के बीच की दूरी कम हो जाएगी और 11 घंटे की जगह 8 घंटे में सफर होगा। इससे बहुत समय और ईंधन बचेगा।