एम्स की तर्ज पर डेवलप होगा राजस्थान का यह हॉस्पिटल, मरीजों को मिलेगी आधुनिक सुविधाएं
Sawai Mansingh Hospital in Jaipur : एसएमएस मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों में मरीजों का लोड और वेटिंग कम करने के साथ ही उच्च स्तरीय उपचार सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रताप नगर स्थित आरयूएचएस अस्पताल को एम्स की तर्ज पर राजस्थान आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के रूप में विकसित किया जाएगा। इस पर चरणबद्ध तरीके से 750 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव है। अगले तीन से छह माह में यहां प्रसव, डायलिसिस, कैथ लैब, ट्रोमा के साथ ही एमआरआई-सीटी स्कैन की सुविधाएं शुरू हो जाएंगी। यहां मोर्चरी, पीएमआर विभाग और पुलिस चौकी भी खुलेगी। परिजनों के लिए धर्मशाला भी बनेगी।
मुख्यमंत्री भजनलाल की इच्छा है कि प्रतापनगर, मानसरोवर, टॉक रोड, सांगानेर, सवाई माधोपुर से आने वाले मरीजों को रिम्स में उपचार मिल सके। आरयूएचएस में अभी 700 सामान्य बेड और 300 आईसीयू बेड हैं। यहां पारंपरिक चिकित्सा पद्धति से इलाज चाहने वालों के लिए आयुष विंग की स्थापना की जाएगी।
पहले चरण में ब्रॉड स्पेशियलिटी, 6 माह में बनेगा
पहले चरण में ब्रॉड स्पेशियलिटी, फिर सुपर स्पेशियलिटी और अंतिम चरण में ट्रॉपिकल मेडिसिन, वायरोलॉजी, ट्रॉमेटोलॉजी, रेयर डिजीज, कैंसर और ऑर्गन ट्रांसप्लांट जैसे संस्थान बनाने की योजना है।
अंतिम चरण में ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन, वायरोलॉजी ट्रॉमेटोलॉजी, रेयर डिजीज, कैंसर और ऑर्गन ट्रांसप्लांट जैसे संस्थान बनाने की योजना है।
आरयूएचएस के रिम्स में तब्दील होने पर उच्च स्तरीय इलाज उपलब्ध हो सकेगा और मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा। एसएमएस, जेके लोन, महिला अस्पताल, जनाना अस्पताल चांदपोल और श्वास रोग संस्थान पर मरीजों का लोड कम होगा।
एसएमएस में मरीजों का लोड और वेटिंग कम करने के लिए इसे तीन चरणों में एम्स नई दिल्ली की तर्ज पर रिम्स में तब्दील करने का प्रस्ताव है। ,
डॉ. धनंजय अग्रवाल, कुलपति, आरयूएचएस रिम्स में तब्दील होने के बाद रेफर किए गए मरीजों को बेहतर उपचार सुविधाएं मिलेंगी। एसएमएस अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।