उत्तर प्रदेश का ये हाईवे होगा 4 लेन, जनता होगी निहाल, इन गावों की जमीन पर बनेगें बाईपास

फिलहाल सड़क की चौड़ाई दस मीटर है, लेकिन फोर लेन होने पर यह 18 मीटर हो जाएगी। 70.8 किलोमीटर लंबे हाईवे का 27.75 किलोमीटर बरेली, 12.40 किलोमीटर ऊधमसिंह नगर और 30.650 किलोमीटर पीलीभीत हिस्सा उत्तराखंड से जुड़ाव बढ़ाने से बरेली, पीलीभीत और ऊधमसिंह नगर को भी लाभ होगा।
 

Saral Kisan, NHAI : बरेली से सितारंगज तक 2857 करोड़ रुपये की लागत से 71 किलोमीटर का फोरलेन बना रहा है। बरेली में 27.750 किमी, पीलीभीत में 30.650 किमी और ऊधमसिंह नगर में 12.40 किमी है। साथ ही, परियोजना में आठ बाईपास बनाए जाएंगे। भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के दो वर्ष पूरे होने के बाद, एनएचएआइ ने अब 46 गांवों में तीन हजार से अधिक किसानों को भूमि अधिग्रहीत मुआवजा देना शुरू किया है।

फिलहाल सड़क की चौड़ाई दस मीटर है, लेकिन फोर लेन होने पर यह 18 मीटर हो जाएगी। 70.8 किलोमीटर लंबे हाईवे का 27.75 किलोमीटर बरेली, 12.40 किलोमीटर ऊधमसिंह नगर और 30.650 किलोमीटर पीलीभीत हिस्सा उत्तराखंड से जुड़ाव बढ़ाने से बरेली, पीलीभीत और ऊधमसिंह नगर को भी लाभ होगा।

आंकड़े देखते हुए

100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन चल सकेंगे 71 किलोमीटर लंबा रास्ता 2857 करोड़ रुपये की लागत से बरेली-पीलीभीत-ऊधमसिंह नगर को सीधे जोड़ेगा।

यह बाईपास होगा

बरेली से मुड़िया अहमनदगर के निकट रिठौरा में पहला बाईपास (4.4 किलोमीटर), सेंथल में हाफिजगंज-नवाबगंज बाईपास (12.3 किलोमीटर), पीलीभीत जिले में जहानाबाद बाईपास (13.92 किलोमीटर), अमरिया बाईपास (3.90 किलोमीटर), बढ़ेरिया बाईपास (2.6 किलोमीटर), नकटपुरा बाईपास (1.2 किलोमीटर), मलपुरी बाईपास (2.7 किलोमीटर)

बरेली-सितारगंज हाईवे को मुआवजा मिल रहा है। 80 प्रतिशत से अधिक मुआवजा देने के बाद सड़क का निर्माण शुरू होगा। इसके लिए टेंडर पूरा हो गया है। उम्मीद है कि अगले एक या दो महीने में इस पर काम शुरू होगा।

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