इस खेती ने बदल दी किसान की किस्मत, मुनाफा होगा लागत से 3 गुना

नगदी फसल की खेती की ओर किसानों का रुझान लगातार काफी ज्यादा बढ़ा है, जो पारंपरिक खेती से अलग भी है। यही कारण है कि बक्सर में सब्जियों की खेती करने वाले किसान न सिर्फ आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं, बल्कि कृषि में भी नए आयाम बना रहे हैं।
 

Saral Kisan : नगदी फसल की खेती की ओर किसानों का रुझान लगातार काफी ज्यादा बढ़ा है, जो पारंपरिक खेती से अलग भी है। यही कारण है कि बक्सर में सब्जियों की खेती करने वाले किसान न सिर्फ आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं, बल्कि कृषि में भी नए आयाम बना रहे हैं। डुमरांव अनुमंडल क्षेत्र के किसान उमाशंकर चौधरी ने बताया कि वे पिछले दो दशक से सब्जी की खेती कर रहे हैं। उनका कहना था कि पूरा परिवार खेती-बाड़ी पर निर्भर है। उनका कहना था कि वे सीजन के अनुसार सब्जियों को बोते हैं। 10 एकड़ में ही हर साल सब्जी की खेती करते हैं।

उमाशंकर चौधरी ने बताया कि कुछ खेत उनकी है और बाकी खेती के लिए पट्टे पर जमीन मिली है। उन्हें बताया गया कि इस बार करीब एक एकड़ में बोरो खेती की गई है। उनका कहना था कि पिछले साल अंकुर बोरो उगाए गए थे, लेकिन इस बार काशीनिधि बोरो उगाए गए हैं। उन्हें बोरो का फलन इस साल अच्छा मिला। जिसे बाजार में बेचकर लागत से तीन गुना अधिक लाभ मिला है। उनका कहना था कि खेत से हर दिन लगभग डेढ़ क्विंटल बोरो निकलता है।

मार्केट में बोरो की मांग

यह बोरो एक एकड़ में 20 हजार रुपये में लगाया गया था, लेकिन मंडी में बोरो की मांग बढ़ने से किसानों को अच्छा मुनाफा मिला है। उन्हें बताया कि खेत से बोरो निकलना शुरू हुआ तो चार हजार रुपये प्रति क्विंटल बाजार में बिक्री हुई।

खर्च काटकर लगभग 70-80 हजार रुपये का मुनाफा

उमाशंकर चौधरी ने बताया कि पहले पंद्रह दिनों में 20 हजार रुपये की लागत निकलने के बाद लाभ भी मिलने लगा। किसान ने बताया कि बाजार में बोरो की कीमत में इस समय गिरावट आई है, लेकिन वह 20 रुपए प्रति किलो से बेच रहा है। उनका कहना था कि बोरो अभी एक महीना और निकलेगा। कुल मिलाकर, इस बार बोरो की खेती से 70 से 80 हजार रुपये का मुनाफा कमाने का मौका मिला है।

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