उत्तर प्रदेश में ये शहर बनेगा इंडस्ट्रियल हब, बनाए जाएंगे 3 ट्रांसपोर्ट नगर और हाईवे किनारे नई टाउनशीप

UP News - हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि यूपी के इस शहर को इंडस्ट्रियल हब बनाया जाएगा। मिली जानकारी के मुताबिक आपको बता दें कि शहर से देहात तक विकास होंगे और हाईवे के किनारे नई टाउनशिप विकसित की जाएगी। महायोजना-2031 में जहां व्यावसायिक गतिविधियों में 96.1 फीसदी तो वहीं औद्योगिक विकास के लिए 74.7 फीसदी का इजाफा किया गया है.

 

Saral Kisan : वेस्ट यूपी में मेरठ इंडस्ट्रियल हब के रूप में विकसित होगा। शहर से देहात तक विकास होंगे और हाईवे के किनारे नई टाउनशिप विकसित की जाएगी। महायोजना-2031 में जहां व्यावसायिक गतिविधियों में 96.1 फीसदी तो वहीं औद्योगिक विकास के लिए 74.7 फीसदी का इजाफा किया गया है।

अर्बन मास ट्रांजिट कंपनी (यूएमटीसी) की ओर से तैयार सिटी लॉजिस्टिक प्लान (सीएलपी) को भी महायोजना में शामिल किया गया है। इसमें शहर में अनेक संभावनाएं बताते हुए औद्योगिक क्षेत्र के विकास को जरूरी बताया गया है। हापुड़ रोड व दौराला में ट्रांसपोर्टनगर के साथ ही परतापुर के पास सिटी लॉजिस्टिक पार्क भी बनेगा। ऐसे में देशभर से सामान लाया व भेजा जा सकेगा।

सीएलपी के तहत शहर में ओडीओपी के अंतर्गत बैंडबाजा और स्पोर्ट्स गुड्स तथा निर्माण इकाइयों के अलावा सूक्ष्म एवं लघु उद्योग के बढ़ावे की पैरवी की गई है। एग्रो बेस्ड इकाइयां, कॉटन टेकस्टाइल, रेडीमेड कपड़े, लकड़ी का फर्नीचर, शुगर इंडस्ट्री, पेपर मिल, मेटल इंजीनियिरिंग इकाइयों का आंकलन किया गया है।

मेरठ में कुल 35 हजार 200 इकाइयां हैं, जिनसे तीन लाख 15 हजार 776 लोगों को रोजगार मिला है। 64 फीसदी जहां स्पोर्ट्स व गुड्स मैन्युफेक्चरिंग में है तो वहीं 31 फीसदी का सर्वाधिक राजस्व भी इसी से मिलता है। इसके बाद 25 फीसदी राजस्व माइनिंग व इससे जुड़ी अन्य गतिविधियों, 13 फीसदी राजस्व फूड व एग्रीकल्चर तथा शेष अन्य से मिलता है।

52 साल में आठ गुना बढ़ गई आबादी

मेडा के टाउन प्लानर विजय कुमार सिंह ने बताया कि सीएलपी के तहत किए गए आकलन में तेजी से बढ़ती आबादी के मद्देनजर वर्ष 2042 में अपेक्षित सुविधाओं का आंकलन किया गया है। इसके तहत 1971 में मेरठ की आबादी तीन लाख 71 हजार थी, जो 1981 में पांच लाख 45 हजार, 1991 में आठ लाख 50 हजार हुई।

इसके बाद 2001 की जनगणना के तहत मेरठ की आबादी 11.71 लाख थी, जो 2011 में 14 लाख 20 हजार जा पहुंची। आंकलन के अनुसार 2022 में संभावित आबादी 24 लाख 15 हजार है। इसी को आधार मानकर अर्बन मास ट्रांजिट कंपनी यूएमटीसी ने ड्राफ्ट तैयार किया है। ऐसे में 2032 में 29 लाख के करीब और 2042 में 35 लाख के करीब होगी।

दौराला-हापुड में बनेंगे ट्रांसपोर्ट नगर

रोजाना 12 हजार ट्रकों का आवागमन, बदहाल पार्किंग, खस्ताहाल सड़क और शहर के बीचोबीच होने के कारण इसे बाहर ले जाने की सख्त जरूरत बताई गई है। ट्रांसपोर्ट नगर के लिए 135.37 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता वर्ष 2042 में बताई गई है। इसके लिए दौराला में 54.10 हेक्टेयर, हापुड़ रोड पर 81.27 हेक्टेयर भूमि में प्रस्ताव रखा गया।

दौराला में प्रस्तावित टीपीनगर

पार्किंग - 33.6 हेक्टेयर
वेयरहाउस फेसिलिटी - 1.2 हेक्टेयर
कोल्ड स्टोरेज फेसिलिटी - 1.3 हेक्टेयर
अतिरिक्त पार्किंग - 18 हेक्टेयर
हापुड़ रोड पर प्रस्तावित टीपीनगर
पार्किंग - 50.40 हेक्टेयर
वेयरहाउसिंग फेसिलिटी - 1.80
कोल्ड स्टोरेज फेसिलिटी - 1.98 हेक्टेयर
अतिरिक्त पार्किंग - 27.09 हेक्टेयर
कुल - 81.27 हेक्टेयर

शहर में दूसरा औद्योगिक केंद्र होगा हापुड़ रोड

मेरठ महायोजना-2031 में लॉजिस्टिक पार्क के प्रस्ताव पर भी मुहर लग गई है। सीएलपी में इसके लिए दौराला में 39.06 हेक्टेयर क्षेत्र की आवश्यकता बताई गई है वहीं बताया गया है कि परतापुर के आसपास औद्योगिक क्षेत्र विकसित हैं। यह क्षेत्र औद्योगिक गतिविधियों का केंद्र है, जबकि क्षेत्र के विस्तार के साथ हापुड़ रोड पर दूसरा औद्योगिक केंद्र विकसित किए जाने की दरकार है।

हापुड़ रोड को चरणबद्ध तरीके से सिक्स लेन में विकसित किया जा रहा है। मेरठ-प्रयागराज एक्सप्रेस भी हापुड़ रोड स्थित बिजौली से शुरू हो रहा है। इसका 30 फीसदी काम भी पूरा कर लिया गया है। ऐसे में पहले फेज में दौराला में दूसरे फेज में हापुड़ रोड पर ट्रांसपोर्ट नगर के साथ ही औद्योगिक क्षेत्र भी विकसित किया जाना है।

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