भारत में कम बैक करेगी यह Car Company, अब प्लांट बेचने पर लगाई रोक
Ford motor : फोर्ड मोटर, एक अमेरिकी कंपनी, ने चेन्नई में अपने कारखाने के लिए JSW समूह के साथ की गई डील को रद्द कर दिया है। मामले से परिचित लोगों ने बताया कि सज्जन जिंदल के नेतृत्व वाले JSW समूह के साथ यह सौदा अब अंतिम चरण में था, लेकिन फोर्ड मोटर ने अचानक अपना रुख बदल लिया है। फोर्ड मोटर ने अब अपने तमिलनाडु प्लांट को बेचने की कोशिश नहीं की है। आपको बता दें कि भारत में फोर्ड की एकमात्र फैक्ट्री है।
प्रवक्ता ने क्या कहा?
फोर्ड इंडिया के प्रवक्ता ने बताया- हम चेन्नई में अपनी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के लिए विकल्प तलाशना जारी रखेंगे। हमारे पास साझा करने के लिए और कुछ नहीं है। वहीं, JSW समूह ने डील के रद्द होने पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
वियतनाम की कंपनी की भी थी दिलचस्पी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फोर्ड के प्लांट के लिए JSW ने लगभग 100 मिलियन डॉलर में डील को अंतिम रूप दिया था। इसके अलावा वियतनामी ई-कार निर्माता विनफास्ट ने भी इस प्लांट को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। बता दें कि विनफास्ट भारत के मार्केट में प्रवेश की रणनीति पर काम कर रही है। इसके लिए कंपनी देश में जमीन तलाश रही है। वहीं, चेन्नई के फोर्ड प्लांट के लिए महिंद्रा एंड महिंद्रा ने भी रुचि व्यक्त की थी लेकिन यह समूह आगे नहीं बढ़ा।
फोर्ड के प्लांट
फोर्ड मोटर का यह प्लांट चेन्नई पोर्ट के पास स्थित है। यह 350 एकड़ में फैला हुआ है और इसकी वार्षिक क्षमता 1,50,000 कारों के अलावा लगभग 3,40,000 इंजनों की है। फोर्ड का एक प्लांट गुजरात के साणंद में भी था। इस प्लांट को टाटा मोटर्स ने इलेक्ट्रिकल वाहन (ईवी) उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए खरीद लिया। टाटा मोटर्स ने अपनी सहायक कंपनी टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड के माध्यम से 725.7 करोड़ रुपये में फोर्ड के साणंद प्लांट का अधिग्रहण किया।
मिल रहे ये संकेत
डील रद्द होने के बाद अब अटकलें तेज हो गईं कि अमेरिकी कंपनी फोर्ड मोटर एक बार फिर दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऑटो मार्केट यानी भारत में एंट्री करने के मूड में है। दो साल पहले फोर्ड ने भारत से कारोबार समेटने का ऐलान किया था। दरअसल, कंपनी ने बढ़ते घाटे और कोविड-19 महामारी के बाद पैसेंजर व्हीकल्स मार्केट में आई मंदी के बीच कारोबार समेटने की घोषण की थी।
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