ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट के झंझट से मिलेगा छुटकारा, यह ऐप बताएगा आपकी सीट कंफर्म हुई या नहीं

Indian Railway Launch Super App : भारतीय रेलवे ने एक योजना बनाई है। जिसके अंतर्गत, इस योजना के अंतर्गत एक सुपर एप को बनाया जा रहा है। इसके अलावा, इसी साल दिसंबर या नए साल से यात्रियों को पक्का टिकट मिलना शुरू होगा। शुरूआत में, ये पांच अलग-अलग रुट्स 500 किमी की दूरी पर सामान्य ट्रेनों से चलेंगे। इनमें कंफर्म टिकट की 90% उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
 

Indian Railways : भारतीय रेलवे ने नए साल में बड़ा बदलाव करने की योजना बनाई है। रेलवे जल्द ही वेटिंग टिकट को सख्ती से खत्म करेगा। इसलिए, इसी साल दिसंबर या नए साल से यात्रियों को पक्का टिकट मिलना शुरू होगा। शुरूआत में, ये पांच अलग-अलग रुट्स 500 किमी की दूरी पर सामान्य ट्रेनों से चलेंगे। इनमें कंफर्म टिकट की 90% उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

रेलवे विभाग ने बताया कि वे इस योजना के अंतर्गत एक सुपर एप को बनाया जा रहा है। इस एप को अगले छह महीने में सुचारु रूप से रेल यात्रियों के लिए चलाया जाना है। इस एप में, यात्री चयनित रुट्स पर सफर के लिए अपना विवरण डालते ही ट्रेनों में कितनी सीटें खाली और भरी हुई हैं। जिसका पता यात्रियों को इस एप पर चलेगा। फिर सभी यात्री अपनी सीट की जगह चुन सकेंगे।

यात्रियों को इन सभी विशिष्ट ट्रेक पर स्थायी टिकट देने के लिए रेलवे ने एक घंटे के अंतराल में मुख्य या लोकप्रिय ट्रेनों के अलावा एक और ट्रेन भी चलाएगी। ताकि यात्रियों को स्थायी टिकट भी मिल सके। इस ट्रेन के डिब्बे वेटिंग टिकट खरीदने वालों की श्रेणी पर निर्भर करेंगे। इस ट्रेन में उसी श्रेणी के डिब्बे लगाए जाएंगे अगर स्लीपर वेटिंग अधिक होगा। यात्रियों के पास स्लीपर टिकट है और ट्रेन में अधिक AC डिब्बे हैं, तो वे टिकट के किराए का अंतर भरकर सफर कर सकते हैं।

यात्रियों को मिलेगा, नया अनुभव

जनवरी में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की थी, कि वे एक सुपर एप बनाने जा रहे हैं जिसमें सभी रेलवे सुविधाओं को शामिल किया जाना है। जैसे, कौन सी ट्रेन कहां से जा रही है, टिकट खरीदना, रिजर्व या अनरिजर्व होना रिजर्व होने पर IRCTC का उपयोग करना और अनरिजर्व होने पर लाइन में लगना नहीं पड़ेगा। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए रेल विभाग एक सुपर एप बनाने वाला है। इससे यात्रियों को रेलयात्रा का एक नया अनुभव मिलेगा।

वर्ष 2031 तक वेटिंग समस्या होगी, समाप्त

रेलवे सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय अभी शुरुआती दौर में पांच रुट्स का चयन कर रहा है। रेलवे ने कंफर्म टिकट वाले यात्रियों और वेटिंग टिकट वाले यात्रियों के 500 किमी से कम दूरी वाले रुट्स के बारे में जानकारी जुटाई है। इस जानकारी से पता चलेगा कि इन रुट्स पर प्रतिदिन कितने यात्री किस श्रेणी का टिकट खरीदते हैं। फिर चाहे वह कंफर्म हो या वेटिंग हो। साथ ही, अगले सात साल में उपलब्धता का अनुमान लगाया जाएगा, जो अभी देश में निर्धारित टिकट की मांग है। यानी कि वर्ष 2031 तक वेटिंग समस्या समाप्त हो जाएगी।

सुपर ऐप से होंगे, यह काम आसान

व्यापारियों और पैसेंजरों को सुपर एप पर एक-स्टॉप सॉल्यूशन मिलेगा। एप को खोलने पर ग्राहक को दो विकल्प मिलेंगे: पैसेंजर और फ्रेट। यात्रियों की आवश्यकताओं के अनुसार कई विकल्प हैं। यह पैसेंजर्स को रिजर्व टिकट, अनरिजर्व टिकट, टूर पैकेज, धार्मिक ट्रेन, फ्लाइट, कैब और होटल बुकिंग की सुविधा देता है। सुपर एप से एक्जीक्यूटिव लाउंज, रिटायरिंग रूम और ई-कैटरिंग भी बुक कर सकते हैं। साथ ही, फ्रेट कस्टमर्स सुपरएप पर पार्सल बुकिंग, छोटे सामान बुकिंग, देश भर में माल ढुलाई के लिए पंजीकरण करने और अन्य सेवाओं का लाभ उठाने के लिए भी पंजीकरण कर सकते हैं।