Bihar के 20 जिलों से हो कर गुजरेगा ये 520 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे, व्यापार में होगा इजाफा

Bihar expressways : बिहार में आपको अब चौड़ी और चकाचक सड़के नजर आएंगी। बिहार में सड़कों का चौड़ीकरण का कार्य तेजी से किया जा रहा है। मात्र तीन एक्सप्रेसवे ही बिहार के 20 जिलों को बड़ा फायदा पहुंचाएंगे। 

 

Bihar Road Connectivity : बिहार में अब आपको खस्ताहाल सड़के कम ही नजर आएंगी। आने वाले दिनों में यहां आपको एक्सप्रेसवे से ही नजर आने वाले हैं। मात्र तीन एक्सप्रेसवे से ही 20 जिलों को बड़ा फायदा पहुंचाने वाला है। यह तीन एक्सप्रेस में 20 जिलों को आपस में कनेक्ट करने के अलावा दूसरे राज्यों को भी आपस में कनेक्ट करेंगे। 

बिहार पूर्वी भारत का एक अति महत्वपूर्ण राज्य है। बिहार अपने समृद्ध इतिहास और संस्कृति के लिए पूरे विश्व भर में माना जाता है। बिहार में हाल ही के सालों में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर काफी ज्यादा ध्यान दिया गया है। बिहार की आर्थिक प्रगति के लिए यह एक्सप्रेसवे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर के तेजी से विकास होने से बिहार को अन्य राज्यों से परिवहन और कनेक्टिविटी का ज्यादा बढ़ावा मिल रहा है। 

आर्थिक के गतिविधियों के मामले में बिहार में अच्छी खासी वृद्धि

बिहार सरकार राज्य की बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए पहले से ही तैयारी कर रही हैं । आर्थिक के गतिविधियों के मामले में बिहार में अच्छी खासी वृद्धि देखी जा रही है। राज्य की बढ़ती जनसंख्या की जरूरत के मध्य नजर सड़क के नेटवर्क की बहुत बड़ी आवश्यकता सामने आई है। इसी के चलते सरकार ने कई एक्सप्रेस वे परियोजनाएं शुरू की है। इससे योजना के चलते 10 प्रमुख एक्सप्रेसवे योजना और विकास के विभिन्न चरणों में काम होगा। राज्य में सड़कों के निर्माण शहर के भीतर बाहर की प्रमुख सड़कों को आपस में जोड़ेगी। 

गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे 

इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 520 किलोमीटर है। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण लगभग 25000 करोड रुपए की लागत के खर्च से बनाया जाएगा। यह ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से पश्चिम बंगाल की सिलीगुड़ी तक जाता है। गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे बिहार के कई जिलों को चीरता हुआ गुजरता है। बिहार के किशनगंज, सहरसा, सीतामणी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, छपरा, और गोपालगंज से होकर आगे निकलता है। 

वाराणसी रांची कोलकाता एक्सप्रेसवे 

यह चार लाइन एक्सप्रेसवे 612 किलोमीटर लंबा है। यह एक्सप्रेस वे चार राज्यों से होकर गुजरता है। उत्तर प्रदेश बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के कई जिलों से होकर गुजरता है। बिहार में यह एक्सप्रेसवे कैमूर जिले से शुरू होकर औरंगाबाद,रोहतास और गया होते हुए आगे निकलता है। 

रक्सौल हल्दिया एक्सप्रेसवे 

यह ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे 650 किमी लंबा है। इसको बनाने में 54000 करोड रुपए की लागत आएगी। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण प्राथमिक उद्देश्य व्यापार को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है। बिहार के बांका, जमुई, शेखूपुर, नालंदा, पटना, सारण, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी और पश्चिम चंपारण से होकर निकलता है।

इन सभी एक्सप्रेस-वे के निर्माण से पहले ही रियल एस्टेट क्षेत्र में वृद्धि हुई है। अब रियल एस्टेट डेवलपर दूर स्थानों तक आसानी से पहुंच सकते हैं। निवेश के अवसर बढ़ेंगे क्योंकि प्रमुख बाजार और सड़कों के आसपास जमीन की कीमतें बढ़ जाएंगी।