गेहूं की ये टॉप 3 किस्में देती है शानदार उत्पादन

किसानों के हमेशा अच्छी फसल के बीज को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रहती हैं। कई बार बढ़िया मुनाफे के लिए किसानों को खराब किस्म का बीज दुकानदारों या कंपनियों द्वारा बेच दिए जाते हैं। जानिए विस्तार से..
 

Saral Kisan : किसानों के हमेशा अच्छी फसल के बीज को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रहती हैं। कई बार बढ़िया मुनाफे के लिए किसानों को खराब किस्म का बीज दुकानदारों या कंपनियों द्वारा बेच दिए जाते हैं।किसानों को फसल के नुकसान के साथ आर्थिक हानी का सामना करना पड़ सकते है। अक्टूबर से नवंबर में गेहूं की बुआई शुरू होने वाली है। गेहूं का उत्पादन बढ़ाने के लिए भारत के कृषि अनुसंधान संस्थान नई किस्मों की खोज करते रहते हैं। गौरतलब है कि समय के साथ बीज की तकनीक शानदार हो रही है और गेहूं के उत्पादन को बढ़ाने के लिए बीज, उन्नत किस्म काफी जरूरी है। चलिए जानते है गेहूं की टॉप 3 किस्मों के बारे में....

श्री राम सुपर 111 गेहूं वैरायटी  

यह किस्म कम सिंचाई में भी अच्छा उत्पादन देती है। मध्यप्रदेश, बिहार, उत्तरप्रदेश के बहुत से इलाकों में इस किस्म की बुआई की जाती है। अन्य किस्मों के मुकाबले कम सिंचाई में यह किस्म 5 से 6 क्विंटल प्रति एकड़ अधिक उत्पादन देती है।
उत्पादन की बात करें तो यह किस्म अच्छी और उपजाऊ मिट्टी में 75 से 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन देती है।
गेहूं की यह किस्म मात्र 105 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।

श्री राम 303 गेहूं वैरायटी

गेहूं की इस किस्म से बंजर जमीनों पर भी 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की पैदावार प्राप्त होती है।
अगर अच्छी मिट्टी में इसकी खेती की जाए तो सबसे ज्यादा पैदावार यानी 81 से 85 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उपज मिल सकती है।
156 दिनों में तैयार होने वाली गेहूं की यह किस्म बेहतरीन अनुकूलन क्षमता से लैस है।
अपनी उत्पादकता की वजह से यह मध्यप्रदेश, बिहार, पूर्वांचल, उत्तराखंड एवं तराई के क्षेत्रों में काफी प्रसिद्ध किस्म है।

श्रीराम सुपर 252 गेहूं की किस्म

यह किस्म 90 से 100 दिन के अंदर पककर तैयार हो जाती है।
उत्पादन की बात करें तो 75 से 80 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।

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