उत्तर प्रदेश में आंगनबाड़ी केंद्रों पर लगेगी ये मशीनें, कोई भी दूसरा नहीं ले पाएगा लाभ

इस वर्ष उत्तर प्रदेश (UP) में एक नई और प्रगतिशील पहल की घोषणा की गई है जिसमें आंगनबाड़ी केंद्रों में विशेष मशीन का उपयोग किया जाएगा इस मशीन से कोई भी लाभार्थी के हिस्से का पोषाहार नहीं ले सकता।
 

Saral Kisan : योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की सरकार ने प्रदेश की बाल विकास परियोजनाओं के तहत संचालित आंगनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों पर अनुपूरक पुष्टाहार योजना के तहत पोषाहार वितरण को और सुदृढ़ तथा पारदर्शी बनाने के लिए बायोमैट्रिक्स प्रणाली लागू किए का निर्णय लिया है। इसके तहत ई-पॉस मशीनों की स्थापना एवं संचालन के लिए उत्तर प्रदेश (up news) डेवलपमेंट सिस्टम कारपोरेशन लिमिटेड (updesco) को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है। ई-पॉस मशीनों की स्थापना के लिए टेंडर के साथ ही ई-टेंडरिंग के माध्यम से रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP) तैयार करने की जिम्मेदारी यूपीडेस्को की होगी।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में योगी कैबिनेट ने ई-पॉस मशीनों के माध्यम से अनुपूरक पुष्टाहार योजना के तहत पोषाहार वितरण की व्यवस्था को मंजूरी दी है। इसके माध्यम से लाभार्थी के हिस्से का पोषाहार कोई दूसरा नहीं ले सकेगा। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा प्रदेश की बाल विकास परियोजनाओं के तहत संचालित आंगनबाड़ी व मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों पर अनुपूरक पुष्टाहार योजना के तहत 6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों (अति कुपोषित सहित), गर्भवती एवं धात्री महिलाओं तथा 14 से 18 वर्ष की किशोरी बालिकाओं (केवल आकांक्षात्मक जनपदों में) को पोषाहार उपलब्ध कराया जा रहा है।

एक से अधिक सिस्टम इंटीग्रेटर्स का भी हो सकता है चयन

ई-पॉस मशीन की बिड प्रक्रिया में मल्टीपल कंपोनेंटट सम्मिलित होने के कारण इसे उत्तर प्रदेश शासन के ई-प्रोक्योरमेन्ट पोर्टल https://etender.up.nic.in के माध्यम से किए जाने के प्रबंध किए गए हैं। निदेशक, यूपीडेस्को की अध्यक्षता में क्रय समिति का गठन किया जाएगा। समिति में प्रशासकीय विभाग के सदस्य के रूप में संयुक्त निदेशक, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार सदस्य के रूप में सम्मिलित होंगे। इसके अतिरिक्त आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग द्वारा समिति में जरूरत के अनुसार अन्य विभागीय अधिकारियों एवं वित्त विभाग के प्रतिनिधि को सदस्य नामित किया जाएगा।

चयनित होने वाली सिस्टम इंटीग्रेटर संस्थाओं को ई-पॉस मशीन सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन, आइरिश आइडेंटिफिकेशन, फील्ड लेबल मैनपावर, तकनीकी मैनपावर, मोबाइल सिम उपलब्ध कराने होंगे। साथ ही इन सभी का 03 वर्षो तक रखरखाव भी करना होगा। यह परियोजना सिस्टम इंटीग्रेटर आधारित बीओओ (बिल्ड, ओन, ऑपरेट) मॉडल पर संचालित की जाएगी। ई-पॉस मशीन की बिड प्रक्रिया में विभिन्न कंपोनेंट (हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर आदि) सम्मिलित होंगे, जिसमें एक से अधिक सिस्टम इंटीग्रेटर्स का भी चयन संभावित है।

लाभार्थी का होगा आधार बेस्ड सत्यापन

14 से 18 वर्ष आयु की किशोरी बालिकाएं तथा गर्भवती एवं धात्री महिलाएं स्वयं बायोमैट्रिक ऑथेंटिफिकेशन हेतु सक्षम हैं, इसलिए उनके द्वारा आधार बेस्ड सत्यापन करते हुए पोषाहार प्राप्त किया जाएगा। 06 माह से 06 वर्ष के बच्चों के स्वयं के द्वारा पोषाहार न प्राप्त करते हुए उनके अभिभावकों द्वारा ही व्यावहारिक रूप से पोषाहार प्राप्त किया जाता है।

ऐसे में व्यावहारिक दृष्टिकोण रखते हुए उन बच्चों के माता या पिता के आधार बेस्ड बायोमैट्रिक ऑथेंटिफिकेशन की व्यवस्था स्थापित की जाएगी। इस संबंध में आदेश जारी होने के बाद विस्तृत दिशा-निर्देश निदेशक, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार द्वारा यूपीडेस्को को एक सप्ताह में उपलब्ध कराया जाएगा।

यूपीडेस्को के अनुभव को देखते हुए दी गई जिम्मेदारी

ई-पॉस मशीनों की स्थापना और संचालन में क्वालिटी वर्क और अनुभव को देखते हुए यूपीडेस्को को यह जिम्मेदारी दी गई है। यूपीडेस्को द्वारा प्रदेश में खाद्य एवं रसद विभाग के अंतर्गत एफपीएस आटोमेशन के लिए आरएफपी तैयार कराने, बिड कराने एवं प्रणाली की मॉनीटरिंग व बिलिंग का कार्य कार्यदायी संस्था के रूप में  किया जा रहा है।

इसी मॉडल के अनुसार ई-पॉस मशीनों की व्यवस्था के संबंध में यूपीडेस्को के माध्यम से सिस्टम इंटीग्रेटर संस्थाओं से अनुबंध किए गए हैं। यही नहीं, खाद्य एवं रसद विभाग में ई-पॉस मशीनों की स्थापना एवं संचालन के लिए नवीनतम तकनीकों के प्रयोग (आइरिश आइडेंटिफिकेशन, जीपीएस लोकेशन ट्रैकर, फेस आइडेंटिफिकेशन रीडर आदि) को सम्मिलित करते हुए आरएफपी तैयार कराने का कार्य भी यूपीडेस्को द्वारा किया गया है।

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