बारिश के मौसम में ऋषिकेश के ये घाट बन जाते हैं खतरनाक, इन पक्के घाटों पर ही करें स्नान

पहाड़ों में हो रही बारिश के कारण नदियों का जलस्तर भी अचानक बढ़ जाता है. इसलिए बरसात के सीजन में नदी के घाटों पर जाने से नुकसान उठाना पड़ सकता है. ऋषिकेश में ऐसे कई घाट मौजूद हैं
 

Rishikesh : मानसून के सीजन में उत्तराखंड में हो रही भारी बारिश के चलते नदियां और नाले तूफान पर हैं. वही इस सप्ताह प्रदेश में भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है. मौसम विभाग की तरफ से उत्तराखंड के सात जिलों में तेज बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. पहाड़ों में हो रही बारिश के कारण नदियों का जलस्तर भी अचानक बढ़ जाता है. इसलिए बरसात के सीजन में नदी के घाटों पर जाने से नुकसान उठाना पड़ सकता है. ऋषिकेश में ऐसे कई घाट मौजूद हैं जहां का जलस्तर बारिश के दौरान अचानक से बढ़ जाता है और अचानक से घट जाता है. मुनिकीरेती, लक्ष्मण झूला, रायवाला थाना क्षेत्र में गंगा के वो घाट है जहां पर थोड़ी सी भी लापरवाही वहां पहुंचने वालों को नुकसान पहुंचा सकती है. इन जगहों पर कई बार हादसे भी हो चुके हैं. बारिश के सीजन में घाटों पर जाने से बचना चाहिए.

कुछ ऐसे घाट

ऋषिकेश में इन घाटों पर हमेशा ही पर्यटक और श्रद्धालु देखे जा सकते हैं. क्योंकि यह घाट स्थानीय संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य का आभास कराते हैं. परंतु बारिश के सीजन में इनमें से कुछ ऐसे घाट मौजूद हैं जो काफी खतरनाक हो जाते हैं. यदि आप ऋषिकेश घूमने जा रहे हैं तो आपको बरसात के मौसम में इन घाटों पर सावधानी बरतनी चाहिए. ऋषिकेश में मौजूद लक्ष्मण झूला के पास बना घाट, मस्तराम बाबा घाट, नाव घाट, किरमोला घाट, मुंबई घाट, फूल चट्टी घाट, गरुड़ चट्टी घाट शामिल है. यदि आप ऋषिकेश घूमने गए हुए हैं तो आपको स्थानीय प्रशासन और पुलिस द्वारा बताए हुए निर्देशों का पालन करना चाहिए.

बरसात के दौरान इन घाटों पर कई बार हादसे देखने को मिलते हैं. जिसके चलते पुलिस और प्रशासन हर समय दिशा निर्देश जारी करता रहता है. इन घाटों पर चेतावनी बोर्ड भी दिखाई पड़ते हैं. कई बार टिहरी और श्रीनगर डेम से गंगा में पानी छोड़े जाने के बाद पानी का स्तर बढ़ने से घाट पर दिखने वाली खुली जगह भी टापू का रूप ले लेती है.

पक्के घाट ही स्नान करने के लिए सुरक्षित

स्थानीय प्रशासन और पुलिस द्वारा चेतावनी बोर्ड और निर्देश जारी करने के बाद भी कुछ पर्यटक और श्रद्धालु इनको अनदेखा कर घाटों तक पहुंच जाते हैं और बाद में उन्हें अपनी जान से हाथ धो बैठना पड़ता है. मुनिकीरेती और लक्ष्मण झूला थाना क्षेत्र में कुछ पक्के घाट ही स्नान करने के लिए सुरक्षित स्थान है. इन घाटों पर नहाने के लिए लोहे की जंजीरें भी लगी है और ज्यादा गहराई भी नहीं है.