5 लाख में 15 लाख की कमाई, इन पांच सब्जियों से बदली किसान की ज़िंदगी

किसान संतोष ने कहा कि सब्जी की खेती में 5 से 7 लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करवाया गया है. हर दूसरे दिन तीन से चार क्विंटल तक सबजी का उत्पादन....
 

Saral Kisan : आधुनिक युग में, कृषि क्षेत्र में लगातार बदलाव का दौर चल रहा है। नई प्रौद्योगिकियों ने किसानों के लिए नए दरवाजे खोले हैं, जो उन्हें अधिक समृद्धि दिलाने में मदद कर रहे हैं। बिहार के बेगूसराय जिले में भी, किसान अब तकनीकी आधारित खेती करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। वह उन्नत प्रकार के बीज बाजार से प्राप्त करके सालभर सब्जियों की खेती कर रहे हैं। बेगूसराय जिले के सदर प्रखंड के भैरवार गांव के निवासी संतोष कुमार ने इसकी पहचान बड़े सब्जी उत्पादक किसान के रूप में बना ली है।

संतोष के पास कुल 5 बीघा जमीन है, जिसमें सिर्फ सब्जियों की खेती की जाती है। सब्जी की खेती में समय के प्रबंधन पर खास ध्यान दिया जाता है, इसलिए संतोष द्वारा उगाई जाती है सब्जियों को अच्छी मूल्य मिलती है। किसान संतोष ने बताया कि पहले परंपरागत फसलों जैसे कि धान, गेहूं या मक्का की खेती करते थे, लेकिन फसलों की खेती में आच्छादन नहीं था और नुकसान होता रहता था।

अब उन्होंने 2000 के दशक से पांच प्रकार की सब्जियों की खेती करना शुरू किया है, जिसमें उन्होंने कई स्कूल ऑफ हार्ड नॉक्स चुनी हैं। खेती में पहले नुकसान हुआ, लेकिन उन्होंने सीख के साथ साथ आगे बढ़ते हुए सब्जियों की खेती करना शुरू किया है। अब उन्हें अच्छी मुनाफा मिल रहा है। संतोष ने बताया कि वे डंडारी वैरायटी के परवल की खेती कर रहे हैं, जिसमें कीटनाशक दवाओं, रसायनों और बीज पर सालाना 5 लाख रुपये तक का खर्च आता है। लेकिन अब उन्हें न केवल लागत वसूल हो रहा है, बल्कि मुनाफा भी हो रहा है। संतोष ने बताया कि सब्जी की खेती में उत्पादन मौसम और बाजार मूल्य पर निर्भर करता है।

सालाना आय कितनी है

सब्जी की खेती में 5 से 7 लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रत्येक दूसरे दिन 3 से 4 क्विंटल सब्जियां खेत से निकाली जाती हैं। सब्जी सीधे व्यापारी को बेच दी जाती है। इसलिए संतोष वर्ष में 5 बीघा से 15 लाख रुपये तक की आय प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि भैरवार गांव की मिट्टी सब्जी उत्पादन के लिए उपयुक्त है। वे जिला प्रशासन से ड्रिप इरिगेशन सिस्टम और अन्य सुविधाओं की मांग कर रहे हैं।

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